सरकारी योजनाएँ Uttarakhand

घस्यारी कल्याण योजना से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी | Ghasyari Kalyan Yojna

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 25 फरवरी 2021 को आवास योजना कल्याण योजना के तहत मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के जरिए अब उत्तराखण्ड की ग्रामीण महिलाओं को  पशु चारा के लिए जंगलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही उनका मानना है कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का जंगली जानवरों से जो संघर्ष होता था या किसी दुर्घटना से शरीरिक क्षति हो जाती थी। उन घटनाओं में भी इस योजना से कमी आयेगी। तो क्या है मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और क्या है इस योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य आइए जानते हैं।

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घस्यारी कल्याण योजना क्या है?

 

घस्यारी कल्याण योजना उत्तराखण्ड के 70% कृषक परिवारों के कल्याण के लिए  सस्ता एंव पौष्टिक चारा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी है। जिससे अब पहाड़ की महिलाओं को चारे के लिए जंगल-जंगल नहीं भटकना होगा। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड कैबिनेट ने आने वाले खर्च की धनराशि यानि 16.78 ₹ करोड़ को भी मंजूरी दे दी है। वीडियो देखें।



मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत उत्तराखण्ड पर्वतीय क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण लोगों को, सस्ते गल्ले की तर्ज पर राज्य के 7,771 केंद्रों के जरिए पशु चारा उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही इस चारे को घर तक भी पहुंचाया जाएगा यानि होम डिलीवरी की व्यवस्था भी की जाएगी। ताकि चारे के लिए ग्रामीणों को परेशानी ना झेलनी पड़े। वहीं घस्यारी योजना के तहत मिलने वाले चारे को पैक्ड सायलेज और सम्पूर्ण मिश्रित पशु आहार के रुप में दिया जाएगा। इस पौस्टिक पशु आहार से नसिर्फ मवेशी स्वस्थ्य रहेंगे बल्कि उनके दूध की पैदावर में भी वृद्धि होगी।

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कहाँ मिलेगा पशु चारा और कितना होगा दाम?

 

घस्यारी कल्याण योजना के तहत ग्रामीणों को 3 ₹ प्रति किलो की दर पर पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 16.78 ₹ करोड़ को भी मंजूरी दे दी है। घस्यारी योजना के तहत दिए जाने वाले पशु चारे को 7,771 केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। जिसमें होम डिलीवरी की व्यवस्था भी सुचारु की जाएगी। पहले इस पशु चारे का दाम 15 रूपये पार्टी किलो था जिसे अब घटा कर 3 रूपये कर  दिया गया है।


मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का उद्देश्य

 

चारे के लिए महिलाओं की जंगल पर निर्भरता को कम करना।

महिलाओं की जंगली जानवरों और दुर्घटना से होने वाली शारीरिक क्षति का निवारण करना ।

पशुओं को पौष्टिक एंव स्वस्थ्य आहार उपलब्ध कराना। ताकि पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार और दूध की पैदावार में वृद्धि हो।



फसल के अवशेषों को जलाने के कारण होने वाले पर्यावर्णीय दुष्परिणामों को कम करना।

फसल के अवशेषों और फाॅरेज (forage) को वैज्ञानिक संरक्षण द्वारा चारे की कमी को दूर करना।

वहीं इस योजना के तहत लगभग 2000 से अधिक कृषक परिवारों को उनकी 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ना।

कृषकों की आय नें बढ़ोतरी करना ।

 


योजना पर कितना आएगा व्यय?

 

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना (NCDC) की सहायता से सुचारु किया जा रहा है। जिसकी उत्पादन लागत पर होने वाले व्यय को 19 करोड़ 6 लाख 50 हजार आँकी गई है। वहीं सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्लांट एंड मशीनरी और अन्य व्यय पर 1306.50 लाख रुपये का अनुमान है। इस योजना में 50% खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी तो शेष 50% पर राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। वीडियो देखें।




क्या जंगली जानवरों या दुर्घटना में होने वाली शारीरक क्षति का पैसा मिलेगा?

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना में महिलाओं की किसी दुर्घटना या जंगली जानवरों के बीच होने वाले संघर्ष से हुई शरीरक क्षति के लिए किसी प्रकार के आर्थिक अनुदान का जिक्र नहीं किया गया है। यह योजना महज ग्रामीणों को सस्ता तथा पौष्टिक चारा उपलब्ध कराने की है ताकि महिलाओं की जंगलों पर निर्भरता को कम किया जा सके।

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