Site icon WeGarhwali

Golu Devta Mandir Champawat – गोलू देवता मंदिर चंपावत

Golu Devta Mandir Champawat - गोलू देवता मंदिर चंपावत

Golu Devta Mandir Champawat - गोलू देवता मंदिर चंपावत

Golu Devta Mandir Champawat: उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर अनेकों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन यदि न्याय के देवता (Nyay Ka Devta) की बात करें, तो सबसे पहला नाम गोलू देवता (Golu Devta) का आता है। इन्हें न्याय का देवता कहा जाता है, और श्रद्धालु अपनी अर्ज़ियाँ (prayers) इनके दरबार में लगाते हैं। चंपावत जिले में स्थित गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir Champawat) सबसे पुराना और प्रमुख मंदिर माना जाता है।

गोलू देवता मंदिर चंपावत (Golu Devta Mandir Champawat) 

गोलू देवता (Golu Devta) को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इन्हें गौर भैरव, गोल्ज्यू और न्याय का देवता (Nyay Ka Devta) भी कहा जाता है। लोककथाओं के अनुसार, गोलू देवता कुमाऊँ के राजा झलराई के पुत्र थे। वे न्यायप्रिय, वीर और दयालु राजा थे, जिन्होंने समाज में न्याय की स्थापना के लिए संघर्ष किया। इसी कारण उन्हें न्याय का देवता कहा जाने लगा।

कुमाऊँ क्षेत्र में गोलू देवता के कई मंदिर हैं, लेकिन चंपावत में स्थित गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir in Champawat) सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन माना जाता है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए आते हैं।

मन्नत माँगने की परंपरा (Mannat at Golu Devta Mandir)

गोलू देवता के मंदिर में मन्नत माँगने की एक अनूठी परंपरा है। श्रद्धालु सादा कागज़ या स्टांप पेपर (Stamp Paper) पर अपनी अर्ज़ी (petition) लिखकर मंदिर में चढ़ाते हैं। यह अर्ज़ियाँ जमीन-जायदाद, मुकदमेबाजी (court cases), नौकरी (job), व्यापार (business), स्वास्थ्य (health) और अन्य व्यक्तिगत समस्याओं से जुड़ी होती हैं।

जब भक्तों की मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे मंदिर में घंटी (Bell) चढ़ाते हैं। यही कारण है कि गोलू देवता के मंदिर में हजारों घंटियाँ लटकी हुई दिखाई देती हैं, जो भक्तों की आस्था और भक्ति का प्रतीक हैं।

गोलू देवता मंदिर का इतिहास (History of Golu Devta Mandir Champawat)

गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir) का निर्माण कत्युरी राजाओं के शासनकाल में हुआ माना जाता है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, यह मंदिर 13वीं-14वीं शताब्दी में बना था।

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, जब कत्युरी राजाओं को न्याय से जुड़ी कोई समस्या होती थी, तो वे गोलू देवता (Golu Devta) के दरबार में आकर समाधान माँगते थे। तभी से यह मंदिर न्याय के लिए प्रसिद्ध हो गया।

कैसे पहुँचे गोलू देवता मंदिर चंपावत? (How to Reach Golu Devta Mandir Champawat)

गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir) चंपावत जिले में स्थित है और यहाँ पहुँचना बेहद आसान है।

गोलू देवता मंदिर दर्शन का सही समय (Best Time to Visit Golu Devta Mandir)

गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir) पूरे साल दर्शन के लिए खुला रहता है, लेकिन मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।

गोलू देवता मंदिर चंपावत (Golu Devta Mandir Champawat) केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ श्रद्धा, आस्था और न्याय का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। जो भी भक्त सच्चे मन से यहाँ अपनी अर्ज़ी लगाते हैं, उनकी मन्नतें पूरी होती हैं।

अगर आप उत्तराखंड की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा पर हैं, तो Golu Devta Mandir Champawat के दर्शन करना न भूलें!

 

यह पोस्ट अगर आप को अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज व  यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Exit mobile version