
Hemwati Nandan Bahuguna: हेमवती नंदन बहुगुणा
Hemwati Nandan Bahuguna: हेमवती नंदन बहुगुणा एक प्रसिद्ध भारतीय नेता, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल रहे और बाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अपने दूरदर्शी नेतृत्व और जनकल्याण के प्रति समर्पण के लिए जाने जाने वाले बहुगुणा ने गरीबों और वंचित समुदायों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका योगदान आज भी भारतीय राजनीति और समाज में सम्मान के साथ याद किया जाता है। इस पोस्ट में पढ़िए उनकी जीवन यात्रा।
हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemwati Nandan Bahuguna)
हेमवती नंदन बहुगुणा की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early life and education of Hemvati Nandan Bahuguna)
हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल 1919 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के बुघाणी गाँव में हुआ था। वह एक गढ़वाली ब्राह्मण परिवार से थे। बचपन कठिनाइयों से भरा था, लेकिन शिक्षा के प्रति उनका समर्पण अटूट रहा।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी में पूरी की और फिर उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने 1946 में कला (Arts) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन के दौरान, वह राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे, जिससे उनका नेतृत्व कौशल निखरा।
हेमवती नंदन बहुगुणा का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान (Contribution of Hemwati Nandan Bahuguna in the freedom struggle)
हेमवती नंदन बहुगुणा महात्मा गांधी और अहिंसा के सिद्धांतों से गहराई से प्रभावित थे। उन्होंने 1942-1946 के भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) में सक्रिय भाग लिया। इस दौरान उन्हें कई वर्षों तक जेल में रहना पड़ा। जेल में बिताए गए समय ने उनके देशसेवा के संकल्प को और मजबूत किया।
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने राजनीति और समाजसेवा को अपना लक्ष्य बनाया। वह ग्रामीण विकास, शिक्षा और वंचित समुदायों के उत्थान पर विशेष रूप से ध्यान देने लगे।
राजनीतिक करियर
बहुगुणा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण जल्द ही उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ मिलने लगीं।
केंद्रीय मंत्री
1971 में, उन्हें संचार राज्यमंत्री (Minister of State for Communication) बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारत के संचार ढांचे में कई सुधार किए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1973-1975)
1973 में, हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तर प्रदेश के 8वें मुख्यमंत्री बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान दिया। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मतभेद के चलते 1975 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
कांग्रेस से अलगाव और कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी (CFD) की स्थापना
आपातकाल (1975-1977) के दौरान बहुगुणा का इंदिरा गांधी से मतभेद बढ़ गया। उन्होंने उनकी नीतियों का विरोध किया और कांग्रेस छोड़कर जगजीवन राम और नंदिनी सत्पथी के साथ मिलकर कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी (CFD) नामक नया दल बनाया। यह दल बाद में जनता पार्टी में शामिल हो गया, जिसने इंदिरा गांधी के शासन का विरोध किया।
जनता पार्टी और वित्त मंत्री का कार्यकाल
1977 के आम चुनावों में जनता पार्टी की जीत में बहुगुणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मोरारजी देसाई की सरकार में उन्हें रसायन एवं उर्वरक मंत्री (Union Minister for Chemicals and Fertilizers) बनाया गया।
1979 में, वह चौधरी चरण सिंह की सरकार में भारत के वित्त मंत्री (Finance Minister) बने। इस दौरान, वैश्विक ऊर्जा संकट (Global Energy Crisis) के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ा, जिससे GDP में 5.2% की गिरावट आई। इस कठिन समय में भी उन्होंने मजबूत आर्थिक नीतियाँ अपनाकर देश की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने का प्रयास किया।
कांग्रेस में वापसी और संसदीय चुनाव
1980 में, बहुगुणा ने इंदिरा गांधी की कांग्रेस (I) में वापसी की और गढ़वाल से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, जल्द ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और संसद से इस्तीफा दे दिया।
1982 में, उन्होंने उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। 1984 में, उन्होंने इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा, जहाँ उनका मुकाबला प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन (कांग्रेस उम्मीदवार) से हुआ। इस चुनाव में बहुगुणा को 1.87 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनका सक्रिय राजनीतिक करियर समाप्त हो गया।
व्यक्तिगत जीवन
हेमवती नंदन बहुगुणा की पत्नी का नाम कमला बहुगुणा था। उनके तीन बच्चे थे:
- विजय बहुगुणा – उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता।
- रीता बहुगुणा जोशी – उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष, बाद में भाजपा में शामिल हुईं।
- शेखर बहुगुणा – एक व्यवसायी और समाजसेवी।
उनके पोते सौरभ बहुगुणा भी एक राजनेता हैं और वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं।
मृत्यु और विरासत
1988 में, बहुगुणा गंभीर रूप से बीमार हो गए और हृदय की बाईपास सर्जरी के लिए अमेरिका गए। दुर्भाग्यवश, उनकी सर्जरी सफल नहीं रही और 17 मार्च 1989 को क्लीवलैंड, ओहियो, अमेरिका में उनका निधन हो गया।
उनकी स्मृति को सम्मानित करने के लिए, उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNB Garhwal University, Srinagar) और हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी (Dehradun) का नाम उनके नाम पर रखा गया।
हेमवती नंदन बहुगुणा एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा, सामाजिक सुधार और लोकतंत्र को मजबूत करने में समर्पित किया। उन्होंने तानाशाही के खिलाफ खड़े होकर भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। उनकी विरासत आज भी भारत के राजनीतिक और सामाजिक नेताओं को प्रेरित करती है।
हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemwati Nandan Bahuguna) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल, 1919 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के बुघानी गाँव में हुआ था।
प्रश्न 2: उन्होंने अपनी शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
उत्तर: उन्होंने पौड़ी के डीएवी स्कूल और मेसमोर इंटर कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और 1946 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की डिग्री हासिल की।
प्रश्न 3: स्वतंत्रता संग्राम में उनकी क्या भूमिका थी?
उत्तर: 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भाग लिया और इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
प्रश्न 4: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल कब था?
उत्तर: हेमवती नंदन बहुगुणा ने 8 नवंबर, 1973 से नवंबर 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की।
प्रश्न 5: उनके परिवार के प्रमुख सदस्य कौन-कौन हैं?
उत्तर: उनकी पत्नी का नाम कमला बहुगुणा था। उनके तीन बच्चे हैं: विजय बहुगुणा (उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री), रीता बहुगुणा जोशी (राजनीतिज्ञ), और शेखर बहुगुणा।
प्रश्न 6: उनके सम्मान में किन संस्थानों का नामकरण किया गया है?
उत्तर: उनके सम्मान में श्रीनगर, उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और देहरादून में हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
प्रश्न 7: उनका निधन कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: हेमवती नंदन बहुगुणा का निधन 17 मार्च, 1989 को क्लीवलैंड, ओहायो, अमेरिका में हुआ।
प्रश्न 8: उन्होंने किस प्रमुख चुनाव में अमिताभ बच्चन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की थी?
उत्तर: 1984 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने इलाहाबाद सीट से अमिताभ बच्चन के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 9: उन्होंने किस राजनीतिक दल की स्थापना की थी?
उत्तर: इंदिरा गांधी से मतभेदों के बाद, उन्होंने कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी (CFD) नामक राजनीतिक दल की स्थापना की, जो बाद में जनता पार्टी में विलीन हो गया।
प्रश्न 10: उनके सम्मान में कौन से विश्वविद्यालय का नाम रखा गया है?
उत्तर: उनके सम्मान में श्रीनगर, उत्तराखंड में स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया है।
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