दोस्तों आप अगर ट्रेवल करते हैं तो आपको होम स्टे (Home Stay) के बारे में जरूर पता होगा। Uttarakhand में भी बहुत से Home Stay हैं जो राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। Uttarakhand Home Stay Yojna के माध्यम से सरकार की मंशा उत्तराखंड में स्तिथ पर्यटन की अपार संभावनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार देना। आप जानकार हैरान रहोगे कि उत्तराखंड की जीडीपी में पर्यटन 1000% का उछाल देखने को मिला है। इससे साफ़ जाहिर है होमस्टे से रोजगार की अपार संभावना है।
इस पोस्ट में हम Uttarakhand Home Stay Yojna जिसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे) से जानते हैं के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी और उससे जुड़ने की प्रक्रिया के बारे में बात करंगे। इसलिए इस पोस्ट के साथ अंत तक जुड़े।
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे) | Uttarakhand Home Stay Yojna
रोजाना विरान होते घर, धीरे-धीरे दम तोड़ते हुए घरों की दीवारें और उनमे रहने वाले हमारे बुजुर्ग, रास्तें तख्ते हुए वो बुजुर्गों की बुढ़ी आंखें, जो अपने बच्चों के वापस लौटने की आश लगाएं बैठे हैं I
वो बंजर पढ़ी जमीन, जो बिना बारिश के खराब होते जा रहे हैं, ऊपर से जंगली पशुओं का खतरा , बस एक यही दास्तान रह गयीं हैं हमारे देवभूमि उत्तराखंड की I
इन्हीं घरों को फिर से पुनर्जीवन करने के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार ने एक सम्भव पूर्ण प्रयास निकाला हैं जिसका नाम दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे ) हैं I पहाड़ से पलायन रोकने का केवल एक ही रास्ता है वो उत्तराखंड में रोजगार को लाना ।
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे) क्या हैं?
बीते पिछले 2 वर्षों से सबको इस कोरोंना के महामारी से नुकसान हुआ हैं जिसके कारण सब के घर की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गयीं हैं I
और इसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिए कुछ न कुछ प्रयास करने में जुटी हुई हैं I और राज्य के भलाई हेतु एक नया योजना की शुरुआत की है I जिस का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे) हैं I
इस योजना के माध्यम से सरकार ने ग्रामीण पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने के लिए, ये योजना का आरम्भ किया है I
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इसके साथ ही पर्यटक को देखते हुए आवास की सुविधा भी दी हैं I
इससे स्थानीय लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा और उनको पलायन जैसे दिक्कतों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा I
उत्तराखंड सरकार ने पुराने होम स्टे को फिर से पुर्ननिर्माण करने का तथा राज्य में नए आवास गृहों को विकसित करने , इसके साथ ही उन्हें सजाने और अन्य सुविधाओं से जोड़ने के लिए राजकीय सहायता भी दी हैं I
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे ) का उद्देश्य?
उत्तराखंड सरकार ने य़ह योजना इसलिए चलाई हैं ताकि राज्य में-
- रोजगार को बढ़ावा दे सके I
- पलायन जैसे गंभीर समस्या को रोका जा सके I
- स्थानीय निवासियों को गाँव -घरों से ही रोजगार प्रदान किया जाए I
- साथ ही नव युवकों को अपने गाँव में रोजगार मिले और पलायन को रोका जा सके I
HomeStay Yojna सरकार द्वारा मदद प्रदान
इस योजना के तहत सरकार स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक लाभ देने में भी मदद करेगी I
- इसके अंतर्गत ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रो में होम स्टे निर्माण योजना को शुरू करने के लिए सरकार ने भवन स्वामियों को बैंक ऋण में अधिकतम 33 % या 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी और ब्याज में पहले 5 सालों में 1.50 लाख तक की अधिकतम छूट प्रदान करेगी I
- मैदानी क्षेत्रो में होम स्टे निर्माण के लिए पूंजी पर अधिकतम 7.50 लाख तक की सब्सिडी और ब्याज में पहले 5 सालों में 1 लाख तक की छूट दी जाएगी I
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योजना लागू कहाँ की जाएगी?
ये योजना सरकार नगर निगम वाले क्षेत्रों को छोड़कर सम्पूर्ण प्रदेश में लागू की जाएगी I
और उन गृह स्वामी को प्रदान की जाएगी जो अपने परिवार के साथ वहाँ रहता हो I
इसके साथ ही मुख्य स्थानीय के हाईवे पर नव युवकों को अपनी भूमि में होम स्टे निर्माण और खाने-पीने जैसे रोजगार ले सकते हैं जिससे य़ह सुविधा बाहर से आनेवाले पर्यटकों को उपलब्ध कराया जा सके और इसके लिए सरकार 25% तक की सब्सिडी भी मुहैया कर रहीं हैं I
लाभार्थियों के चयन प्रक्रिया
इस योजना को चलाने एवं लाभार्थियों का सही रूप से चयन करने के लिए राज्य सरकार ने एक समिति का गठन भी किया हैं जिसमें अध्यक्ष- जिलाधिकारी को बनाया हैं और इनके सदस्य जिले के एसडीओ , जीएम डीआईसी ,बैंक अधिकारी और नाबार्ड प्रतिनिधि व पर्यटन विकास अधिकारी होंगे I
य़ह समिति द्वारा लाभार्थियों का चयन होने पर लाभार्थी को विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य हैं तथा उसके बाद पर्यटन सचिव द्वारा बैंक से प्राप्त होने वाले आवेदनों का ऑनलाइन जाँच का सुझाव भी दिया जाएगा ताकि आवेदनों का सही समय पर निस्तरण हो सके I
होम स्टे का प्रचार प्रसार
सभी पंजीकृत होम स्टे का प्रचार प्रसार करने की जिम्मेवारी उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने ले लिया हैं I
पंजीकृत होम स्टे का प्रचार प्रसार पर्यटन विभाग अपने तरीके से करेगा ताकि होम स्टे के मालिकों का अच्छा व्यवसाय चल सके I
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे ) की ज़रूरी शर्ते व नियम I
लाभार्थियों को इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ नियम का पालन करना आवश्यक हैं जो की इस प्रकार है-
- होम स्टे निर्माण के लिए लाभार्थी को उत्तराखंड राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य हैं I
- होम स्टे निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि का मालिक होना अनिवार्य होगा I
- ये योजना उनको ही प्राप्त होगा जो गृह स्वामी परिवार के साथ रहता हो I
- पर्यटकों के खाने-पीने की व्यवस्था होम स्टे के स्वामी को ही करना अनिवार्य होगा I
- इस योजना में लाभार्थियों को चिन्हीकरण के बाद उसे पर्यटन विभाग में अपना पंजीकरण करना अनिवार्य होगा I
- पर्यटकों के लिए रात में रुकने की व्यवस्था के लिए कम से कम एक कमरा या फिर अधिकतम 6 कमरे हो सकते हैं I
- पर्यटकों के लिए जरूरत हॉस्पिटैलिटी की सुविधा भी प्रदान कराना अनिवार्य है I
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दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना (होम स्टे ) से होने वाले फायदे?
राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस योजना से बहुत फायदे होंगे जैसे-
- राज्य के स्थानीय निवासियों को रोजगार प्राप्त होगा I
- पलायन की समस्या कम होगी I
- खाली पड़े और खंडहर गाँव के घरों पर रोजगार का नया अवसर मिलेगा I
- पर्यटन की संख्या बढ़ेगी जिससे पर्यटकों की आवाजाही रहेगी I
- गाँव मे ही रोजगार प्राप्त हो जाएगा I
- होम स्टे का प्रचार प्रसार सरकार मोबाइल एप्प और वेबसाइट द्वारा करेगी I
- जिस गाँव में 6 से ज्यादा होम स्टे होंगे उस गाँव को विकसित किया जाएगा तथा बिजली, पानी सड़क आदि उपलब्ध कराया जाएगा I
- इस योजना से होने वाले आय पर गृह आवास के रूप में पंजीकरण के बाद 3 सालों तक जीएसटी की धनराशि विभाग की तरफ से ही वहन की जाएगी मतलब की 3 साल तक कोई जीएसटी नहीं लगेगी I
- पर्यटकों को होम स्टे में अच्छी हॉस्पिटैलिटी प्रदान की जाए इसके लिए लोगों को परीक्षण दिया जाएगा I
- ट्रैक रूट पर आने वाले गाँव या नजदीकी गाँव में होम स्टे को पहले प्रथमिकता दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका फायदा हो सके I
- पहाड़ी व्यंजनों, फ़ूलों तथा पहाड़ की संस्कृति को समझने का मौका मिलेगा, जिससे और भी पर्यटक उत्तराखंड में घूमने आयेंगे I
अधिक जानकारी
- इस योजना को शुरू करने का श्रेय पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर को जाता है I
- इस नियमावली का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना नियमावली 2018 है I
- साल 2020 में इस योजना के जरिए से सिर्फ 5000 होम स्टे ही विकसित हो पाए थे I
- आप इसमें आवेदन ऑनलाइन द्वारा कर सकते हैं I
योजना के लाभार्थी के लिए अवश्यक दस्तावेज
लाभार्थी के पास
- मूल निवास प्रमाण होना चाहिए I
- आधार कार्ड
- वोटर कार्ड
- अड्रेस प्रूफ
- मोबाइल नंबर
- अपना ईमेल आईडी
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