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lakhudiyar Uttarakhand: लाखु उडियार गुफा शैल चित्र

lakhudiyar Uttarakhand: लाखु उडियार गुफा शैल चित्र

lakhudiyar Uttarakhand: लाखु उडियार गुफा शैल चित्र

lakhudiyar Uttarakhand: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के बरेछीना गाँव में स्थित लाखु उडियार गुफा शैल चित्र (Lakhudiyar Rock Paintings) भारतीय पुरातत्व का एक अमूल्य खजाना है। यह स्थल हमें आदिमानवों के जीवन, उनकी कला और संस्कृति की झलक दिखाता है। सुयाल नदी के किनारे स्थित यह प्राकृतिक गुफा शरण स्थल हजारों वर्ष पुराने चित्रों से सुसज्जित है, जो मानव सभ्यता के प्रारंभिक काल की कहानी बयां करते हैं।

लाखु उडियार (Lakhudiyar) का इतिहास और महत्व

“लाखु उडियार” का अर्थ होता है “एक लाख गुफाएँ”, जो इस स्थान की विशालता और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। यह कोई पारंपरिक गुफा नहीं, बल्कि प्राकृतिक शैल आश्रय स्थल हैं, जहां आदि मानव कठोर जलवायु से बचने के लिए रहते थे।

1968 में प्रसिद्ध पुरातत्वविद् डॉ. एम.पी. जोशी ने इस स्थल की खोज की थी, और बाद में इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कटोच ने इसके महत्व पर गहन शोध किया। यह स्थल भारत के प्रागैतिहासिक कला के सबसे उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक माना जाता है।

लाखु उडियार की अद्भुत शैल चित्रकला (lakhudiyar Gufa)

यहाँ की गुफाओं की दीवारों पर लाल, काले और सफेद रंगों से बनी चित्रकलाएँ हैं, जिनमें निम्नलिखित दृश्य प्रमुख रूप से दिखाई देते हैं:

यह चित्र कला हमें आदि मानवों की जीवनशैली, पहनावे और सामाजिक संरचना की झलक देती है।

इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड का प्रागैतिहासिक काल का इतिहास 

लाखु उडियार के समान अन्य प्रागैतिहासिक स्थल

लाखु उडियार के अलावा, अल्मोड़ा जिले में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रागैतिहासिक शैलाश्रय स्थल खोजे गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

यह सभी स्थल 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और भारतीय पुरातत्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

लाखु उडियार कैसे पहुँचे?

स्थान: बरेछीना गाँव, अल्मोड़ा, उत्तराखंड (अल्मोड़ा से 19 किमी दूर)

लाखु उडियार गुफा शैल चित्र (Lakhudiyar Gufa) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

लाखु उडियार कहाँ है?

लाखु उडियार बरेछीना गाँव, अल्मोड़ा, उत्तराखंड (अल्मोड़ा से 19 किमी दूर)

लाखु उडियार शैल चित्र क्या है?
यह एक प्रागैतिहासिक गुफा कला स्थल है, जहाँ आदि मानवों द्वारा बनाए गए चित्र पाए जाते हैं।

यह स्थल कितना पुराना है?
लाखु उडियार की चित्रकलाएँ हजारों वर्ष पुरानी मानी जाती हैं, जो पत्थर युग (Stone Age) की हैं।

इन चित्रों में क्या दर्शाया गया है?
नृत्य करते हुए मानव समूह, पशु चित्र, शिकार के दृश्य, हथियार और रहस्यमयी ज्यामितीय आकृतियाँ।

इस स्थल की खोज किसने की थी?
1968 में डॉ. एम.पी. जोशी ने इस स्थल की खोज की थी।

क्या लाखु उडियार जाने के लिए कोई शुल्क लगता है?
नहीं, यह एक मुफ्त और संरक्षित पुरातात्विक स्थल है, जहाँ बिना किसी शुल्क के जाया जा सकता है।

लाखु उडियार (Lakhudiyar Uttarakhand) उत्तराखंड का एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल है, जो हमें मानव सभ्यता के शुरुआती चरणों के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करता है। यह स्थान इतिहासकारों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए समान रूप से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यदि आप उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हैं, तो इस अद्भुत स्थल का भ्रमण अवश्य करें और आदिमानवों की कला को नज़दीक से देखने का अनुभव लें।

 

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