उत्तराखण्ड के प्रमुख ग्लेशियर व हिमनद : उत्तराखण्ड का अधिकांशतः भाग पहाड़ी है इसलिए मध्य हिमालय व शिवालिक श्रेणियों के द्वारा घिरने के कारण राज्य में बहुत से ग्लेशियर व हिमनद हैं। इन ग्लेशियर व हिमनदों के कारण यहाँ की नदियाँ और झीलों में सदा जल रहता है। वहीं ये पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हिमनद या ग्लेशियर – हिमालय के ऊँचाई वाला क्षेत्र जहाँ हिमखंडों के खिसकने, गलने आदि प्रक्रियाएं होती हैं, उन्हें ग्लेशियर या हिमनद या हिमानिया कहते हैं। साधारण शब्दों में हिमालय का वह ऊँचाई वाला बर्फीला क्षेत्र जहाँ से निकलने वाली जल धाराएँ हिमालय नदियों का निर्माण करती हैं। हिमानिया या हिमनद कहलाती हैं।
नीचे उत्तराखण्ड के प्रमुख ग्लेशियर और उनसे संबंधित जिलों के बारे में जानकारी दी है। इन्हें ध्यान से पढ़ें। राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय परीक्षाओं में इनसे जुड़े सवाल आते रहते हैं। इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड के प्रमुख पर्वत शिखर
उत्तराखंड के प्रमुख ग्लेशियर
ग्लेशियर जिला मिलम ग्लेशियर (16km) पिथौरागढ काली ग्लेशियर पिथौरागढ़ नामिक ग्लेशियर पिथौरागढ़ हीरामणि ग्लेशियर पिथौरागढ़ पिनौरा ग्लेशियर पिथौरागढ़ रालम ग्लेशियर पिथौरागढ़ पोटिंग ग्लेशियर पिथौरागढ़ सुंदरढुंगी ग्लेशियर बागेश्वर सुखराम ग्लेशियर बागेश्वर पिण्डारी ग्लेशियर (30 km लंबा, 400 m चौड़ा बागेश्वर+चमोली कफनी ग्लेशियर बागेश्वर मैकतोली ग्लेशियर बागेश्वर यमुनोत्री ग्लेशियर (10km लंबा) उत्तरकाशी गंगोत्री ग्लेशियर (30 km लंब और और 2 km चौड़ा) उत्तरकाशी डोरियानी ग्लेशियर उत्तरकाशी बन्दरपूंछ ग्लेशियर (12km) उत्तरकाशी खतलिंग ग्लेशियर (12km) टिहरी+रुद्रप्रयाग चौराबाड़ी ग्लेशियर रुद्रप्रयाग केदारनाथ ग्लेशियर (14km लंबा 500m चौड़ा) रुद्रप्रयाग दूनागिरी ग्लेशियर चमोली हिपराबमक ग्लेशियर चमोली बद्रीनाथ ग्लेशियर (10 km) चमोली सतोपंथ व भागीरथी ग्लेशियर चमोली
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