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Nag Tal Trek | नाग ताल ट्रेक

नाग ताल | Nag Tal : इस धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वो उत्तराखंड में है। यहाँ मौजूद प्राकृतिक सुंदरता को जो एक बार देख ले फिर वो यहीं का हो कर रह जाता है। पहाड़ों के शिखर, नदी  हो या झरने इनकी  खूबसूरती को देखने वाला बार-बार यहाँ आने की इच्छा करता है।  यही कारण है की यहाँ प्रतिवर्ष पर्यटकों को जमावड़ा लगा रहता है।
उत्तराखंड की आय का प्रमुख स्रोत अब पर्यटन बनने वाला है और इसका कारण यहाँ बिखरी प्रकृति की अद्भुत अनुकंपा। केदार घाटी और मध्य हिमालय का ये क्षेत्र अपने में प्रकृति के बेजोड़ नगीने छुपाये हुए है। उन्हीं नगीनों में एक नगीना है गुप्तकाशी में मौजूद नाग ताल (Nag Tal)। नाग ताल (Nag Tal) लोगों की पहुंच से बहुत दूर है और यही बात इस झील को और खास बना देता है।

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नाग ताल | Nag Tal

उत्तराखंड की सुंदरता और यहाँ के ताल / झीलों से सभी परिचित हैं।  यहाँ मौजूद खूबसूरत झील किसी का भी मन मोह सकती है। इनमें बहुत से ऐसे ताल/झील हैं जहाँ वर्ष भर खासा पर्यटक आते रहते हैं मगर कुछ ऐसे भी ताल हैं जो अभी भी लोगों की नजरों से दूर प्रकृति की गोद में हैं।  ऐसी एक झील रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में त्यूड़ी गांव से मोठ बुग्याल ट्रेक में पड़ता है।  नाग ताल चारों और से वृक्षों से घिरा है। जो नाग ताल की सुंदरता पर चार चाँद लगा देता है। अभी तक आपने रुद्रप्रयाग में वासुकी ताल, देवरिया ताल, बधााणी ताल आदि के बारे में सुना होगा मगर कुछ ऐसे भी ताल हैं जो आपकी नजरों से ओझल हैं उनमे बिसुरी ताल (विस्वणी ताल), नाग ताल, अंगरा ताल आदि हैं।



Nag Tal, Moth Bugyal
(Nag Tal, Moth Bugyal)

नागताल रुद्रप्रयाग जनपद के गुप्तकाशी  से त्यूड़ी गांव हो कर जाया जाता है। यहाँ से पूरा ट्रेक मोठ बुग्याल– नागताल ट्रेक के नाम से जाना जाता है। यह पूरा ट्रेक लगभग 30 किमी0 का है। यह ट्रेक मोठ बुग्याल होते हुए जंगलों के रास्ते जहाँ बीच मे छोटे-छोटे बुग्याल ओर छोटी-छोटी झील पड़ती है। जो कि अत्यंत सुंदर और आकर्षक लगते है। सड़क मार्ग से दूरी  क्षेत्र को इस अनछुआ बना देता है। इतने लम्बे ट्रेक पर जाना अपने आप में एक मुश्किल सफर है मगर इस सफर को तय करने वाला एक सच्चा ट्रेकर ही प्रकृति के बेजोड़ नगीनों को देखने का हक़दार बन जाता है।
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नागताल झील में क्या है खास? |What is special about Nagtal lake?

नागताल प्रकृति की गोद में स्थित एक सुंदर झील है जो चारों तरफ से वनों से ढकी है। यह झील अत्यधिक गहरी है। इस झील का रंग काला दिखाई देता है परंतु इसका पानी बिल्कुल साफ औषधि युक्त है। झील के दाहिनी ओर एक छोटा सा मैदान है जहाँ मखमली घास उगती है स्थानीय लोग अपने पशुओं को यहाँ चराने लाते हैं। यहाँ झील में पालतू पशु (चरवाहे) और जंगली जीव पानी पीने आते हैं। यह पूरा क्षेत्र केदारनाथ वन्य जीव संरक्षण के अंतर्गत आता है।



यहाँ अनेक प्रकार के दुर्लभ जीव पाए जाते हैं जिनमें बारहसिंगा, काखड़, जंगली बिल्ली, भालू, तेंदुआ, मोनाल, गुरढ़,आदि हैं। केदार घाटी का यह क्षेत्र हिम तेंदुए के लिए भी संरक्षित है। इस ट्रैक में आपको अनेक छोटी – छोटी नदी, ताल, और बुग्याल मिलेंगे जो मनुष्य के द्वारा अनछुए इस नजारे में स्वर्ग सा आनंद महसूस कराएंगी। पूरे ट्रेक पर बहुत से ऐसे नजारे हैं जिन्हें कैमरे में कैद किया  वही बर्ड वाचिंग, ट्रेकिंग और हाईकिंग के लिए भी मोठ बुग्याल का यह क्षेत्र उत्तम है। सर्दियों के दिनों में तो इस नाग ताल की शोभा देखते ही बनती है।  चारों तरफ किनारे बर्फ से ढक जाते हैं और सुबह निकलता हुए सूरज की किरण जब इसपर पड़ती है तो पानी में स्वर्ण प्रतिबिंब बन जाता है।

 

Nag Tal, Moth Bugyal

नाग ताल नाम के पीछे का तर्क | Reason behind the name Nag Tal

नाग ताल झील (Nag Tal) का यह नाम नाग देवता के नाम से रखा गया है। बहुत समय पहले की बात है, कहा जाता था कि इस झील में नाग देवता निवास करते थे। और  वह यहाँ दर्शन दिया करते थे। मान्यता यह भी है यह  नर्तकियां जिन्हें स्थानीय भाषा मे बददी कहा जाता है। वो यहाँ नृत्य करने आती थी और नागदेवता उनसे प्रसन्न हो पानी से ऊपर अपने फन को ला कर दर्शन देते थे।
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नाग ताल आने का सही समय | Perfect time to visit Nag Tal

नाग ताल (Nag Tal) आने का सही समय जून से जुलाई और सितम्बर से जनवरी तक है।  बरसात और सर्दियों के मौसम में इस क्षेत्र का नजारा अत्यंत सुंदर लगता है।

 

कैसे पहुँचे नाग ताल ? | How to reach Nag tal?

  • ऋषिकेश से गुप्तकाशी 227 किमी
  • गुप्तकाशी से त्यूड़ी 7 किमी
  • त्यूड़ी से मोठ बुग्याल 12 किमी
  • मोठ बुग्याल से नागताल 12 किमी

नाग ताल (Nag Tal) आने के लिए आपको वायु मार्ग से देहरादून और रेल मार्ग से देहरादून / ऋषिकेश /हरिद्वार पहुंचना होगा।  उसके आपको सड़क मार्ग से गुप्तकाशी पहुंचना होगा। गुप्तकाशी से 7 किमी की सड़क मार्ग से जाखधार मोटर मार्ग होते हुए त्यूड़ी गांव पहुंचना होगा। त्यूड़ी गांव से ही आपकी मोठ बुग्याल – नाग ताल की यात्रा का शुभारंभ होगा।

 

नोट – मोठ बुग्याल – नाग ताल (Nag Tal) का यह क्षेत्र पूरी तरह से अनछुआ है अतः इस यात्रा के लिए किसी लोकल गाइड को अपने साथ ले जाए। अगर आपका इस क्षेत्र में ट्रेकिंग का मन हो तो आप हमें ईमेल कर सकते हैं या कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।  हम आपको लोकल गाइड से परिचय करा देंगे। 

 


तो ये थी नाग ताल – मोठ बुग्याल (Nag Tal) की सम्पूर्ण जानकारी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करे साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

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Deepak Bisht

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