उत्तराखंड में बढ़ते पर्यटन को मद्देनजर रखते हुए सरकार की मंशा अब रुद्रप्रयाग जिले के दूसरे सबसे बड़े पर्यटन के केंद्र चोपता को कैंपिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करना है। इससे जहाँ स्थानिय लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं कैंपिंग के लिए आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी।
आपको बता दें उत्तराखंड राज्य सरकार द्धारा “13 District 13 Destination” कार्य योजना के तहत उत्तराखंड के 13 जिलों में पर्यटन के रुप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत पर्यटन सचीव दिलीप जावलकर 13 जिलों में विकसित किये जाने वाले जगहों के स्थलीय निरिक्षण व वहाँ पर्यटन के तौेर पर संभावनाओं का जायजा ले रहे हैं। कुछ दिन पहले वे सतपुली पहुंचे थे। जिसे उन्होंने एडवेंचर खेलों के तर्ज पर विकसित किये जाने की बात कही थी। क्लिक करें।
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इसी क्रम को जारी रखते हुए रविवार को पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने चोपता का स्थालीय निरक्षण किया तथा तथा एडीबी ( एशियन डवलपमेंट बैंक) के माध्यम से चल रहे कार्यों का जायजा लिया। मीडिया को दिये गए अपने बयान में पर्यटन सचीव ने चोपता को एक बेहतर कैंपिंग डेस्टिनेशन के तौर पर निर्माण कार्य करने की बात कही जिसके लिए जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग व डीएफओ को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं ट्रैकिंग रुट पर ठोस कचरे के निस्तारण व पर्यावरण विकास के लिए उचित कदम उठाए जाने का भरोसा पर्यटन सचिव ने दिलाया।
पर्यटन सचीव ने जहाँ ट्रैकिंग होम स्टे के तहत क्लस्टर केंद्रों के लिए चयनित स्थानों का निरिक्षण किया । वहीं सीमावर्ती गाँवों को ट्रेकिंग कलस्टर के रुप में विकसित किये जाने व उसमें मिलने वाली आर्थिक सहायता के बारे में कहा। इस योजना में सरकार द्धारा प्रति कक्ष 60 हजार व पुराने कमरों में प्रति कक्ष शौचालय व्यवस्था के लिए 25 हजार ( अधिकतम छह कमरों) आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से आग्रह किया गया है।
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