उधम सिंह नगर | Udham Singh Nagar
उधम सिंह नगर हिमालय की हिमालय की गुड में बसा हुआ भारत के उत्तराखंड
उधम सिंह नगर का उपनाम / पुराना नाम गोविषाण था। यहाँ 7 विकासखंड है जसपुर, खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, काशीपुर, बाजपुर और गदरपुर। यह शहर राज्य के बाकी पर्वतीय स्थलों की तरह अपने प्राकृतिक खजाने और मनमोहक खूबसूरती के लिए काफी लोकप्रिय है। यहाँ पर पर्यटक धार्मिक स्थलों के अलावा भी बहुत से पर्यटन स्थल घूमने आते है।
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उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत काशीपुर में एक लोकप्रिय झील है जो कि प्राकृतिक गिरी सरोवर, खूबसूरती और शांत वातावरण से दूर-दूर से आए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। खासकर गर्मियों के मौसम में एक शानदार अवकाश के लिए यह स्थान काफी ज्यादा उपयुक्त है। यहाँ पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थल नानकमत्ता, पूर्णागिरि मंदिर, गिरी सरोवर, काशीपुर है।
उधम सिंह नगर का इतिहास | History of Udham Singh Nagar
उधम सिंह नगर और कुमाऊं का यह इलाका सन् 1588 में मुगल शासक अकबर ने रुद्र चंद्र नाम के राजा को दे दिया था। राजा रुद्र ने यहां एक मिलिट्री कैंप बना दिया था। इससे यहां बसे रुद्रपुर गांव के अच्छे दिन आ गए। अब तक जिस गांव को कोई पूछता नहीं था, जिसका कोई महत्व नहीं था, अब वहां मिलिट्री कैंप था। कहा जाता है कि रुद्रपुर का नाम राजा रुद्र के नाम पर ही पड़ा था। आजादी के बाद, विभाजन के समय लाखों की संख्या में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को यहां बसाया गया था लेकिन इसके बावजूद यहां सिखों की बड़ी संख्या है।
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आज से सौ साल पहले सन् 1919 में अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग में जो हुआ उस ज़ख्म का दर्द आज भी भारत को सताता है। कहा जाता है रॉलेट एक्ट के विरोध में जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण रूप से सभा आयोजित की जा रही थी। इस सभा से परेशान पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ डायर ने ब्रिगेडियर जनरल डायर को यह आदेश दिया कि सभा कर रहे भारतीयों को जाकर सबक सिखाओ। इस आदेश से जनरल डायर ने अपने सैनिकों के साथ जलियांवाला बाग में निर्दोष, मासूम व निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिससे हजारों लोग मारे गए। अंग्रेजों की गोलियों से अपनी जान बचने के लिए कुछ लोग अपने परिवार समेत कुएं में कूद गए थे। वही एक बालक मौजूद था उधम सिंह।
उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी को हाथ में लेकर इस हत्याकांड का बदला लेने की कसम खाई। और 21 साल बाद सन् 1940 में उधम सिंह ने अंग्रेजों से इसका बदला लिया। इसलिए जब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के सत्ता के आने के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को याद करते हुए उत्तर प्रदेश में उनके नाम के जिले का गठन किया।
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सन् 2000 में जब उत्तर प्रदेश से अलग कर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ तो तब ये जिला उत्तराखंड के नैनीताल जिले का हिस्सा हुआ करता था लेकिन वर्तमान में इसे अलग कर एक जिला बना दिया गया जिससे आज हम सब स्वर्गीय क्रांतिकारी वीर उधम सिंह नगर के नाम जानते है।
उधम सिंह नगर से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी | Some other information related to Udham Singh Nagar
उधम सिंह नगर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल :- बनबसा, नानकमत्ता, रुद्रपुर।
उधम सिंह नगर के प्रसिद्ध मंदिर :- चैतीमन्दिर, नानकमत्ता, अटरिया मंदिर।
उधम सिंह नगर के ताल :- शारदा सागर, गिरीताल, नानकसागर, द्रोणसागर।
उधम सिंह नगर की हवाई अड्डा :- पंतनगर ( फूलबाग)।
उधम सिंह नगर की सीमा रेखाएँ :- पूर्व में नेपाल, पश्चिम से दक्षिण तक उत्तर प्रदेश, उत्तर में नैनीताल व चम्पावत।
उधम सिंह नगर के संस्थान :- गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, IIM काशीपुर।
उधम सिंह नगर की नदियाँ :- दाबका, बाकरा, गोला, दओहा।
उधम सिंह नगर के वर्तमान जिलाधिकारी :- डॉ. नीरज खेरवाल
source – usnagar.nic
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