दीपक बिष्ट
उत्तराखंड वैसे तो प्राकृति के लिहाज से बड़ा खूबसूरत है। मगर यहाँ कुछ ऐसे त्यौहार और खूबसूरत जगह हैं जो आपको हैरान करंगे। आओ बताते हैं।
पुष्पोपत्यका (पुष्प-उपत्यका) राष्ट्रीय उद्यान, भारत के पश्चिमी हिमालय में उच्च स्थान पर स्थित है, जो स्थानिक उच्च पर्वतीय फूलों के तृण-भूमियों और उत्कृष्ट प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
मां नंदा को उनकी ससुराल भेजने की यात्रा है राजजात। मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी माना जाता है और कैलास (हिमालय) भगवान शिव का निवास।
रम्माण, उत्तराखंड के चमोली जिले के सलूड़ गांव में प्रतिवर्ष वैशाख (अप्रैल) में आयोजित होने वाला उत्सव है। यह उत्सव युनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सोर घाटी का प्रसिद्ध हिलजात्रा उत्सव मनाया जाता है। कृषि पर आधारित इस उत्सव को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। इसमें लखिया, गल्या बैलों की जोड़ी, एकल्वा बैल, हलिया, किसान, पुतारियां बने पात्र प्राचीन परंपरा और संस्कृति को बेहद खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
रूपकुंड (कंकाल झील) भारत उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक हिम झील है जो अपने किनारे पर पाए गये पांच सौ से अधिक मानव कंकालों के कारण प्रसिद्ध है।
उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल में मकरसंक्रांति को एक अनोखा खेल खेला जाता ही| इस खेल का नाम ही गेंद मेला| इस मेले दो दल और चमड़ी से मढ़ी एक गेंद को छीन कर कर अपनी सीमा में ले जाने की कोशिश करते हैं
देवीधुरा में वाराही देवी मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष रक्षावन्धन के अवसर पर श्रावणी पूर्णिमा को पत्थरों की वर्षा का एक विशाल मेला जुटता है ।