पुराने संस्कृत साहित्य में से गंगा द्वार, देवताओं का द्वार, तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार, चारों धामों का द्वार, स्वर्ग द्वार, मायापुरी या माया क्षेत्र के नाम से अभिहित किया जा गया है।
पुराने संस्कृत साहित्य में से गंगा द्वार, देवताओं का द्वार, तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार, चारों धामों का द्वार, स्वर्ग द्वार, मायापुरी या माया क्षेत्र के नाम से अभिहित किया जा गया है।