दीपक बिष्ट
उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाइयों का सबसे पहला नाम अल्मोड़ा की "बाल मिठाई" से आता है। चॉकलेट जैसी दिखने वाली बच्चे जैसी मिठाई खाने के बाद लोग सालों तक चॉकलेट का स्वाद नहीं भूलते।
सफेद अनाज वाले झांगोरे को हिंदी में "सावन" के नाम से भी जाना जाता है। झंगौर खीर एक स्वादिष्ट पहाड़ी मिठाई है, जिसे उत्तराखंड के पहाड़ों में बड़े चाव से खाया जाता है।
उत्तराखंड में, यह रोट अक्सर पूजा पाठ में बनाई जाती है। गांव के सभी लोग एक साथ गेहूं का आटा, दूध और गुड़ इकट्ठा करते हैं और फिर मिश्रण तैयार करते हैं और एक बड़े तवे पर एक छोटी रोटी बनाते हैं, जिसे "रोट" या "रवात" भी कहा जाता है।
अरसा मिठाई उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र की एक प्रसिद्ध मिठाई है। जो हर शुभ समारोह या शादी समारोह में मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है।
गुलगुला रेसिपी सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में बनाई जाती है। से बनाने के लिए आटे और गुड़ के मिश्रण का उपयोग करके तेल में पकाया जाता है।
टाना उत्तराखंड की प्रसिद्ध कुकीज है। उन्हें स्थानीय बोली में रोटना / रुटना या खजूर भी कहा जाता है। इसे आप लंबे समय तक घर में रख सकते हैं, जो जल्दी खराब नहीं होता और ताजा रहता है।
गुजिया उत्तराखंड में भी बनाई जाती है और पूरे भारतीय राज्य में भी इसे अक्सर होली के त्योहार के दौरान बनाया जाता है।
“हलवा” शब्द सुनकर आपको सूजी वाले हलवे की याद आ गयी होगी मगर उत्तरखंड में इस हलवे को सूजी से ना बना कर आटे से बनाया जाता है।
खेँचुआ मिठाई के बाद टिहरी की प्रसिद्ध शिंगोरी मिठाई को कौन भूल सकता है। इस मिठाई की खासियत है कि इसे मालू के पत्तों में लपेट कर कोन आकर में सजाया जाता है।
खेंचुवा एक प्रकार की मिठाई है जो केवल डीडीहाट में ही बनाई जाती है। देवीधुरा के नेगी परिवारों ने 80 के दशक में दीदीहाट में खेंचुवा बनाना शुरू किया था।