आखिर इतना क्यों बदल रहा है मौसम? भारत में बेमौसम बारिश के कारण एक्सपर्ट ने बताए

आखिर इतना क्यों बदल रहा है मौसम? भारत में बेमौसम बारिश के कारण एक्सपर्ट ने बताए

 दीपक बिष्ट

भारत के अधिकतर इलाके इन दिनों मौसम के अजीबो गरीब हालातों को देख रहा है ,जिसमे उत्तर और पूर्व में तेज हवाओं और बारिश वहीं  पश्चिम और दक्षिण में हीट वेव और समुद्री तूफ़ान का प्रभाव शामिल है।

मगर मौसम इस तरह से तेजी से और लगातार करवट क्यों बदल रहा है इन सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स से समझते हैं।

एक्सपर्ट्स जहाँ इस तरह के बदलते मौसम का जिम्मेदार ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषित होते पर्यवरण को मानते है। वहीं भारत के परिप्रेक्ष्य में अन्य कारणों को भी जिम्मेदार समझते हैं।

जलवायु परिवर्तन, जो मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन जलाने और वनों की कटाई जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण होता है, विश्व स्तर पर तापमान में वृद्धि का कारण बन रहा है।

वहीं बढ़ता तापमान अधिक लगातार और तीव्र हीटवेव, सूखे और जंगल की आग में योगदान देता है।

वायुमंडलीय दबाव और तापमान प्रवणता में परिवर्तन से गंभीर मौसम की घटनाएं हो सकती हैं। इनमें तूफान, बवंडर, तूफान और भारी वर्षा शामिल हैं। ये मौसम पैटर्न तापमान अंतर, आर्द्रता और हवा के पैटर्न जैसे विभिन्न कारकों से प्रभावित होते हैं।

प्राकृतिक जलवायु पैटर्न, जैसे अल नीनो और ला नीना, वैश्विक स्तर पर मौसम के पैटर्न में महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा कर सकते हैं।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इन पैटर्नों में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र के तापमान में बदलाव शामिल हैं और इससे विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा के पैटर्न में बदलाव, सूखा और बाढ़ आ सकती है।

 शहरीकरण और भूमि की सतह में परिवर्तन स्थानीय मौसम के पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। शहरों और बुनियादी ढांचे का निर्माण "शहरी ताप द्वीप" बना सकता है, जहां शहरी क्षेत्रों में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में उच्च तापमान का अनुभव होता है।

वनों की कटाई और भूमि उपयोग में परिवर्तन भी प्राकृतिक मौसम पैटर्न को बाधित कर सकते हैं।

तूफान, चक्रवात और टाइफून जैसी चरम मौसमी घटनाएँ व्यापक विनाश और जीवन की हानि का कारण बन सकती हैं।

ये घटनाएँ पृथ्वी की प्राकृतिक जलवायु प्रणाली का हिस्सा हैं और गर्म समुद्र के तापमान और वायुमंडल जैसे कारकों से तेज हो सकती हैं