उत्तराखंड में मौजूद 5 बदरी 

wegarhwali.com 

पंचबदरी, उत्तराखंड में स्थित हिन्दू धर्म में विष्णु के उपासकों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। जो बद्रीनाथ धाम के अलावा आते हैं। इन पंच बदरी में भगवान विष्णु की अलग-अलग रूपों में मूर्ति स्थापित है। जो इन मन्दिरों की विशेषता को भी बताते हैं। ताज्जुब है कि इन पंच बदरी मन्दिरों की स्थापना विशेषकर चमोली जिले में हुई है।

wegarhwali.com 

भगवान विष्णु के इन पंच बदरी मन्दिर  के नाम हैं - बदरीनाथ, योगध्यान बद्री, भविष्‍य बद्री, वृद्ध बद्री और आदिबद्री। आइये इनके बारे में  जानते हैं  .

wegarhwali.com 

बदरीनाथ मंदिर में हर साल भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है इसे विष्णु के बैकुंठ धाम के रूप में भी जाना जाता है। नर और नारायण पर्वतों के बीच 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि विष्णु ने यहां नर और नारायण के अवतार में तपस्या की थी।

wegarhwali.com 

भविष्य बद्री जोशीमठ के सुभाष गांव में 2744 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मन्दिर घने जंगलों के बीच स्थित है जहां भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह की पूजा की जाती है।

wegarhwali.com 

भविष्य बदरी 

कहते हैं कि जब कलयुग का अंत शुरू होगा तब जोशीमठ में मौजूद इस भगवान नरसिंह की मूर्ति का हाथ गिर जाएगा और विष्णु प्रयाग के पास जय और विजय नाम के पहाड़ भी गिर जाएंगे। उस दौरान भगवान बदरीनाथ धाम का रास्ता काफी कठिन हो जाएगा जिस कारण भविष्य बद्री मैं फिर भगवान बद्रीनाथ की पूजा अर्चना की जाएगी।

wegarhwali.com 

उत्तराखंड के चमोली में कर्णप्रयाग से 17 किलोमीटर की दूरी पर भगवान विष्णु का आदिबद्री मन्दिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की 1 मीटर ऊंची मूर्ति काले पत्थर से निर्मित है।

wegarhwali.com 

आदिबद्री 

इस मन्दिर में 16 छोटे मंदिरों का समूह स्थित है। जहां भगवान विष्णु के अलावा माता लक्ष्मी, गणेश, श्री नर नारायण, राम आदि के भी दर्शन होते हैं।

wegarhwali.com 

पंच बदरी मंदिरों में भगवान विष्णु के वृद्ध रूप का भी जिक्र आता है। वृद्धि बद्री मंदिर बदरीनाथ धाम से 8 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में करीब 1380 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

wegarhwali.com 

वृद्ध बद्री

यहां नारद की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें एक बूढ़े इंसान के रूप में उन्हें नारद मुनि को दर्शन दिए थे।

wegarhwali.com