पंवार वंश की वंशावाली : उत्तराखंड के इतिहास में दो वंशों का प्रमुखता से जिक्र किया गया है। इसमें शामिल है गढ़वाल पर राज करने वाले पंवार वंश/ परमार वंश जिसकी नींव राजा कनकपाल ने रखी।
वहीं दूसरा, कुमाऊं पर राज करने वाले चंद वंश जिसकी नींव राजा सोम चंद ने रखी थी। इस पोस्ट में पंवार वंश की वंशावली (Genealogy of Panwar Dynasty) का जिक्र है। जो राजा कनकपाल से राजा प्रद्युमन शाह तक दिया गया है। Panwar Vansh Ki Vanshavali
पंवार वंश के राजा कनकपाल जब सत्ता में आए तो उनकी राजधानी चमोली में स्तिथ चांदपुर गढ़ी में थी। चांदपुर गढ़ी में आज भी इस राजवंश के दुर्ग के अवशेष देखने को मिलते हैं। कनकपाल के समय गढ़वाल का यह समस्त क्षेत्र 52 गढ़ों में विभक्त था। इन 52 गढ़ों को परमार वंश के 37वें राजा अजय पाल ने जीता।
पंवार वंश के तेज प्रतापी राजा अजय पाल के समस्त 52 गढ़ों को जीतने के कारण उन्हें गढ़वाला कहा जाने लगा और उनके द्वारा जीता यह समस्त क्षेत्र गढ़वाल कहलाया। राजा अजय पाल ही चांदपुर गढ़ी से राजधानी श्रीनगर ले गए। जहाँ से फिर परमार वंश के बाकी राजाओं ने समस्त गढ़वाल पर राज किया।
पंवार वंश की वंशावली | Genealogy of Panwar Dynasty
पंवार वंश की यह वंशावाली (Genealogy of Parmar Dynasty) बैकेट द्वारा दी गयी है। जो महाराज प्रद्युमन शाह तक ही है। प्रद्युमन शाह के वर्ष 1904 खुड़बुड़ा के युद्व में वीरगति को प्राप्त होने के बाद समस्त गढ़वाल पर गोरखाओं का आधिपत्य हो गया।
जिसके बाद अंग्रेजो ने गोरखाओं के बीच युद्ध हुआ और 1915 को हुए सिगौली की संधि के बाद समस्त उत्तराखंड पर अंग्रेजों का अधिकार हुआ और प्रद्युमन शाह के पुत्र को श्रीनगर से राजधानी को टिहरी ले जाकर वहां शासन करने लगे। Panwar Vansh Ki Vanshavali
बैकेट द्वारा उद्घृत परमार/पंवार वंश की वंशावली
बैकेट द्वारा जारी यह परमार वंशावली में परमार वंश के 54वें शासक प्रद्युम्न शाह तक ही जिक्र है। इसके बाद सुदर्शन शाह श्रीनगर से राजधानी टिहरी स्थान्तरित की जिसके बाद के राजाओं का जिक्र इस सारणी के नीचे मिलेगा।
नाम शासनकाल उम्र मृत्यु की तिथि (सम्वत में )
कनकपाल 11 51 756
श्याम पाल 26 60 782
पदुपाल 31 45 813
अभिगत पाल 25 31 838
सिगलपाल 20 24 858
रत्नपाल 49 68 907
सलिपाल 8 17 915
विधिपाल 20 20 935
मदनपाल (प्रथम) 17 22 952
भक्तिपाल 25 31 977
जयचन्द पाल 29 36 1006
पृथ्वी पाल 24 40 1030
मदन पाल (द्धितीय) 22 30 1052
अगस्ती पाल 20 33 1072
सूरती पाल 22 36 1094
जयन्त सिंह पाल 19 30 1113
अनन्त पाल (प्रथम) 16 24 1129
आनन्द पाल (प्रथम) 12 20 1141
विभोग पाल 18 22 1159
सुभजन पाल 14 20 1173
विक्रम पाल 15 24 1188
विचित्र पाल 10 23 1198
हंस पाल 11 20 1209
सोन पाल 7 19 1216
कदिल पाल 5 21 1221
कामदेव पाल 15 24 1236
सलाखान पाल 18 30 1254
लखन देव 23 32 1277
अनन्त पाल (द्धितीय) 21 29 1298
पूरब देव 16 33 1217
अभय देव 7 21 1324
जयराम देव 23 24 1347
असल देव 9 21 1356
जगत पाल 12 19 1368
जीत पाल 19 24 1387
आनन्द पाल (द्धितीय) 28 41 1415
अजय पाल 31 59 1446
कल्याण शाह 9 40 1455
सुन्दर पाल 15 36 1470
हंसदेव पाल 13 24 1484
विजय पाल 11 21 1494
सहज पाल 36 45 1530
बलभद्र शाह 25 41 1555
मान शाह 20 29 1575
श्याम शाह 9 31 1584
महिपत शाह 25 65 1609
पृथ्वी शाह 62 70 1671
मेदनी शाह 46 62 1717
फतेह शाह 48 51 1765
उपेन्द्र शाह 1 22 1766
प्रदीप्त शाह 63 70 1829
ललिपत शाह 8 30 1837
जयकृत शाह 6 33 1843
प्रद्युम्न शाह 18 29 1861
उम्मीद करता हूँ पंवार वंश की वंशावली (Genealogy of Panwar Dynasty)से जुड़ा यह पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा। अगर आपको उत्तराखंड से जुड़े हमारे पोस्ट अच्छे लगते हैं इन्हें शेयर करें साथ ही हमारे इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें। Panwar Vansh Ki Vanshavali
Nice work use telegram and create a group