
Beautiful Lakes in kumaun
Beautiful Lakes in kumaun (कुमाऊं की खूबसूरत झीलें) : कुमाऊं (Kumaun) क्षेत्र में मौजूद झीलें (lakes) उत्तराखंड (Uttarakhand) की सबसे खूबसूरत (Beautiful) झीलें हैं। यहाँ प्रकृति और मनुष्यों के मिलन का एक सुंदर संगम दिखाती हैं। इसी वजह से हर साल इन झीलों के किनारे बसे कस्बे शैलानियों से भरे रहते हैं। हिमानी प्रकार की झीलों की अधिकता के लिए कुमाऊं क्षेत्र विशेषकर नैनीताल के लिए प्रसिद्ध है। जिलों की अधिकता के कारण नैनीताल को झीलों की नगरी व सरोवर नगरी भी कहते हैं । नीचे कुमाऊं (kumaun) में मौजूद खूबसूरत झीलों के नाम व उनके बारे में जानकारी दी है।
Beautiful lakes in Kumaun | कुमाऊं की खूबसूरत झीलें
• भीमताल (Bhimtal – भीमताल काठ गोदाम से 10 किलोमीटर उत्तर और नैनीताल से 22 किलोमीटर पूर्व, नैनीताल जिले में स्थिति है।
यह झील कुमाऊ क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है। इसकी लंबाई 1674 मीटर, चौड़ाई 447 मीटर और गहराई 26 मीटर है। त्रिभुज के आकार का यह ताल तीन तरफ से परतों से घिरा है । इसके जल का रंग गहरा नीला है और पर्यटक यहां नौका विहार भी करते हैं। यह कमल और कमल कड़ी के लिए प्रसिद्ध है । इस झील के बीच में टापू है जिस पर रेस्टोरेंट है । इस झील से सिंचाई के लिए छोटी-छोटी नहरें निकाली गई है।
नौकुचियाताल (Naukuchiatal) – नौकुचियाताल नैनीताल से 26 किलोमीटर व भीमताल से 5 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 1292 मीटर ऊंचाई पर स्थित है । यह कुमाऊं क्षेत्र की सबसे गहरी झील है । इस झील की लंबाई 950 मीटर , चौड़ाई 680 मीटर और गहराई 40 मीटर है । इस झील के 9 कोने हैं । बहुत सारे विदेशी पक्षी भी यहां देखे जा सकते हैं । कहते हैं कि इसके सभी कोनों को एक साथ नहीं देखा जा सकता है ।
• नैनीताल (Nanital) – नैनीताल नगर के मध्य में एक कटोरी की भांति स्थित इस ताल को स्कंदपुराण के मानस खंड में त्री-ऋषि सरोवर कहा गया है । समुद्र तल से 1937 मीटर की ऊंचाई पर यह झील स्थित है। यह झील चारों तरफ से ऊँचे-ऊँचे साथ पहाड़ों से घिरा हुआ है। ये साथ पहाड़ या सप्त भिृंग हैं आयर पात, देव पात, हाड़ीवादी, चीना-पीक, स्नोवयू, आलमसरिया काँटा, शेर का डांडा हैं । इनमें सबसे ऊंचा जीना या चाइना या नैना पीक है । इसके दक्षिण पूर्वी भाग से बलिया नदी निकलती हैं। इसके उत्तरी भाग को मल्लीताल दक्षिणी भाग को तल्लीताल कहा जाता है। इस झील की लंबाई 1430 मीटर चौड़ाई 465 मीटर अौर गहराई 16 से 26 मीटर है। इस झील के पानी का रंग नीला हरा है। इस झील के ऊपरी सतह पर कुरकुरी सेवाल रहती है । अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए और झील विश्व प्रसिद्ध है । ऐसी मान्यता है कि इस जेल का निर्माण शिव की पत्नी सती के अश्रु गिरने से हुआ है और यहां पर उनके नयन गिरने के कारण नैना देवी शक्ति पीठ मंदिर की प्रतिष्ठा हुई। इस कारण इस नगर का नाम नैनीताल पड़ा।
• इसकी खोज 1841 में सी.पी.बैरन ने की थी ।
• सातताल (Sattal) – सातताल नैनीताल से 22 किलोमीटर तथा भीमताल से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सातताल कुमाऊं की सबसे खूबसूरत झील है यहां पर पहले सात झीलें थी। जिसमें से वर्तमान में कई सूख गई हैं ।
• इनमें दमयंती ताल, गरुड़ या पन्ना ताल, पूर्ण ताल, लक्ष्मण ताल वो राम सीता ताल प्रमुख हैं ।
• नैनीताल से आने वाली वालियागाड नदी के माध्यम से इन तालों का जल गोला नदी में चला जाता है ।
• इससे क्षेत्र में प्रचलित एक जनश्रुति के कारण नल दमयंती ताल में मछलियां नहीं पकड़ी जाती।
•खुर्पाताल (Khurpatal) – खुर्पाताल नैनीताल कालाढूंगी मार्ग पर, नैनीताल नगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर है । यह ताल 1633 मीटर लंबा व 5 मीटर चौड़ा है। यह तीनों अोर से पर्वतों से घिरा हुआ है । समुद्रतल से 1635 की ऊँचाई पर स्थित इस ताल का जल गहरा हरा है।
•इसका आकार जानवर के खुर के समान है ।
•द्रोण सागर (Drona Sagar)– द्रोण सागर उधमसिंह नगर के काशीपुर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस ताल के पास गुरु द्रोण ने अपने शिष्यों को धनुर्विद्या की शिक्षा दी थी । गुरु द्रोण की भव्य प्रतिमा इस ताल के किनारे पर स्थित है।
•गिरिताल (Girital)– गिरिताल ए काशीपुर-रामनगर मोटर मार्ग से तीन किलोमीटर दूरी पर ताल स्थित है। यहाँ चामुंडा, संतोषी माता, नागनाथ अौर मनसा देवी के मंदिर है।
• झिलमिल ताल (Jhilmil Tal) – झिलमिल ताल चंपावत के टनकपुर-ब्रह्मदेव से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस ताल की परिधि लगभग दो किलोमीटर है इसकी आकृति गोल और जल का रंग नीला है ।
•श्यामला ताल (Shyama tal)– श्यामला ताल चम्पावत जिले में स्थित है । इस ताल की परिधी 2 किलोमीटर है । गहरे श्याम रंग के जल से भरा यह ताल ऊंची नीची पर्वत मालाओं तथा सीढ़ीदार खेतों से घिरा हुआ है।
इसके जल में सफेद कमल पुष्प खिलते हैं । इसके अतिरिक्त यहां सूखाताल नाताल स्वामी ताल आदि भी हैं । इस झील के किनारे स्वामी विवेकानंद आश्रम भी स्थित है । यहां का झूला मेला प्रसिद्ध है।
•तड़ाग ताल (Tadagtal) – तड़ाग ताल अल्मोड़ा जनपद के चौखुटिया से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक किलोमीटर लंबा व आधा किलोमीटर चौड़ा यह ताल, चीड़ देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है ।
गर्मियों में इस साल का कुछ हिस्सा सूख जाता है जहां खेती की जाती है ।
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