*जिला चम्पावत* | * District Champawat *
भारत देश के उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र का एक जिला है चम्पावत। इस जिले का नाम राजा अर्जुन देव की बेटी चंपावती के नाम पर रखा गया। इसका कुल क्षेत्रफल 1,766 वर्ग किमी है। इस जिले में 5 तहसील है चम्पावत, पाटी, पूर्णागिरि, लोहाघाट, बाराकोट। जिसका मुख्यालय चम्पावत ही है। चम्पावत जाने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर में है जो कि चम्पावत के तराई वाले हिस्से में है। यह रेलवे स्टेशन देशभर के सड़क मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
चम्पावत को नदियों, गहरी खाइयों और ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं के लिए जाना जाता है, कहा जाता है कि भगवान विष्णु का कूर्मावतार (कछुआ अवतार) चम्पावत में ही हुआ था, और इस भूमि में चंद वंश के राजाओं ने एक खूबसूरत बालेश्वर मंदिर का निर्माण भी करवाया था। यह जिला ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त स्थान है यहां पर हरे भरे जंगल के बीच और पहाड़ों पर घूमने का मज़ा ही कुछ अलग है। चम्पावत अपनी प्राकृतिक खूबसूरती व आकर्षक मंदिरों के लिए देशभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चम्पावत को कुमाऊँ का दिल भी कहा जाता है और यहाँ सुंदर स्थानों के साथ-साथ सूर्यास्त के समय यहां अद्भुत नज़ारा भी देखने को मिलता है। यहाँ चाय के बागवान भी होते है।
*चम्पावत का इतिहास* | * History of Champawat*
चम्पावत कई सालों तक कुमाऊँ की राजधानी रहा है, इसलिए चम्पावत को उत्तराखंड का ऐतिहासिक जिला भी कहते है। ब्रिटिश शासन काल में पौड़ी के साथ-साथ चम्पावत को भी तहसील के दर्जा दिया गया। तहसील बनने के बाद अंग्रेजों ने इस क्षेत्र में तरह-तरह के आशियाने बनाने लगे। चम्पावत कुमाऊँ के शासकों की राजधानी भी रहा है जिसके अवशेष आज भी किले के रूप में दिखाई पड़ते है।
यह जिला पहले अल्मोड़ा जिले का हिस्सा हुआ करता था बाद में, सन् 1972 में इस जिले को पिथौरागढ़ से मिला दिया गया और उसके के बाद में, सन् 1997 में इस जिले को एक स्वतंत्र जिले के रूप में मान्यता दे दी गई।
चम्पावत की चंपावती गढ़ में सात प्राचीन मंदिर बालेश्वर, कान्तेश्वर, ताड़केश्वर, डिकटेश्वर, ऋषेश्वर, मललाडेश्वर और मानेश्वर स्थित है जिनमें बलेश्वर मंदिर को प्रमुख माना जाता है।
*चम्पावत जिले से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी* | * Some other information related to Champawat district *
चम्पावत जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल :- माउंट एबर्ट, देवीधूरा, पंचेश्वर, लोहाघाट, मायावती आश्रम, एक हथिया नौला, विवेकानंद आश्रम, बाणासुर का किला, श्यामलाताल, खेतीखान का सूर्य मंदिर।
चम्पावत की गुफाएँ :- पाताल रुद्रेश्वर गुफा।
चम्पावत की नदियाँ :- गौरी गंगा, सरयू, पनार, लधिया, लोहावती, काली, क्वैराला।
चम्पावत की सीमा रेखाएँ :- पूर्व में नेपाल, पश्चिम में अल्मोड़ा व नैनीताल, उत्तर में पिथौरागढ़, दक्षिण में उधम सिंह नगर।
चम्पावत के प्रसिद्ध मंदिर :- हिंग्लादेवी, घटोत्कच मंदिर, लड़िघुरा, मानेश्वर, पूर्णागिरि, ग्वाल देवता, दुर्गा, बालेश्वर, कान्तेश्वर, आदित्य मंदिर, नागनाथ मंदिर।
चम्पावत में जलविद्युत परियोजनायें :- गौरी गंगा, पंचेश्वर, टनकपुर सप्तेश्वर।
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[…] हैं। सेना में सेवा के दौरान वे चंपावत जिले के बनबसा में तैनात रहे हैं। […]
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[…] चंपावत के बालेश्वर मंदिर से प्राप्त चल्लदेव का 123 ई० पुराना एक लेख प्राप्त हुआ है। जिसमें दस मांडलिक राजाओं के नाम उत्कीर्ण हैं। वहीं बास्ते (पिथौरागढ) ताम्र पत्र में मोहन थाप जैसे मांडलिकों का भी उल्लेख मिला है। गोपेश्वर – त्रिशूललेख से मिले प्रमाण के अनुसार 1191 ई० में इस क्षेत्र में अशोक चल्ल के आधिपत्य के संकेत मिले हैं। जिसे सहणपाल व पुरुषोत्तमश्रिंह के बोध गया शिलालेखों में इसे खस देश का महाराजाधिराज कहा गया है। […]