कभी सोचा है कि सरकार आपके बिज़नेस या रोजगार शुरू करने में कैसे मदद कर सकती है? जीविका अवसर प्रोत्साहन योजना ( jeevika Avsar Protsahan Yojna ) इसका सही जवाब है! अगर आप उत्तराखंड के अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग से हैं, तो ये योजना आपको अपने पैरों पर खड़ा करने का पूरा मौका देती है। चाहे बैंक लोन हो, मार्जिन मनी या अनुदान, सरकार आपके साथ है। इस आर्टिकल में आपको मिलेगा पूरी डिटेल— कैसे लें लोन, क्या हैं पात्रता और कितना मिलेगा अनुदान। तो देर किस बात की? पढ़ें और जानें कैसे आप भी इस सरकारी योजना का फायदा उठा सकते हैं।
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जीविका अवसर प्रोत्साहन योजना (अनुसूचित जाति एवं जनजाति)
योजना का परिचय
जीविका अवसर प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2004-05 से किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तिगत और सामूहिक रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। यह योजना समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जिसका उद्देश्य वंचित वर्गों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।
योजना का स्वरूप
योजना के तीन प्रमुख घटक हैं:
- सूचना संकलन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन
- ऋण अनुदान एवं अन्य सुविधाएं
- क्षमता विकास एवं कौशल वृद्धि हेतु प्रशिक्षण
ऋण हेतु पात्रता
पात्रता शर्तें | विवरण |
निवास | आवेदक उत्तराखंड का निवासी होना चाहिए |
आयु सीमा | 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए |
मासिक आय (शहरी क्षेत्र) | ₹55,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए |
मासिक आय (ग्रामीण क्षेत्र) | ₹40,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए |
अनुसूचित जाति/जनजाति प्रमाण पत्र | सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए |
परियोजना लागत
योजना के अंतर्गत परियोजना की न्यूनतम लागत ₹50,000 और अधिकतम लागत ₹2,00,000 निर्धारित की गई है। इसमें 60% बैंक ऋण, 30% मार्जिन मनी, और शेष 10% अनुदान के रूप में होगा।
लागत संरचना
योजना की लागत | धनराशि (%) |
बैंक ऋण | 60% |
मार्जिन मनी | 30% |
अनुदान | अधिकतम ₹10,000 |
लाभार्थी अंश | योजनाओं पर निर्भर |
अनुदान की व्यवस्था
jeevika Avsar Protsahan Yojna के तहत लाभार्थियों को प्रेरित करने हेतु अनुदान की व्यवस्था की जाती है। अनुदान परियोजना लागत के सापेक्ष अधिकतम ₹10,000 तक प्रदान किया जाएगा।
अनुदान दर
योजना की लागत | लाभार्थी अंश (%) |
₹1,00,000 तक | कुछ नहीं |
₹1,00,000 से ₹2,00,000 | 10% |
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ब्याज दर
परियोजना लागत का 30% मार्जिन मनी ऋण निगम द्वारा 7% वार्षिक ब्याज दर पर 60 किस्तों में वसूला जाएगा, जबकि बैंक ऋण पर बैंक की प्रचलित ब्याज दरें लागू होंगी।
क्षमता विकास एवं कौशल वृद्धि हेतु प्रशिक्षण
योजना के तहत लाभार्थियों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण दो मुख्य प्रकार के होंगे:
1. सूचना आधारित प्रशिक्षण:
– उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
– प्रशिक्षण में अल्पकालिक कार्यक्रम जैसे गोष्ठियां और सेमिनार शामिल होंगे।
2. कौशल आधारित प्रशिक्षण:
– तकनीकी एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
– इसमें रोजगार के बेहतर अवसर देने वाले व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
निष्कर्ष
जीविका अवसर प्रोत्साहन योजना ( jeevika Avsar Protsahan Yojna ) , उत्तराखंड में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के लिए एक सशक्त साधन है जो उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्रदान करती है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा दी गई सुविधाएं और प्रशिक्षण स्वरोजगार की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं।
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