उत्तराखंड में फैल रही कमीशन खोरी, मुफ्तखोरी और पैसों का बंदरबाँट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपात्र होने के बावजूद लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। एक तरफ देश भर में किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ अपात्रता के बावजूद किसी गरीब किसान के हक की मलाई खाना वाकेही शर्मनाक है। उत्तराखंड सरकार के संज्ञान में ये बात आते ही प्रदेश के 1,12,96 किसानों से अब 11.01 करोड़ रुपये की रकम वसूली जाएगी। अमरउजाला की इस बड़ी खबर के मुताबिक प्रदेश के 80 फीसदी से अधिक किसान ऐसे हैं जो आयकर देने के बावजूद भी सरकारी निधि का लाभ लेते रहे हैं।
किस जिले से थे कितने किसान ?
अपात्र किसानों के सरकारी निधि का लाभ लेने में हर जिले से किसानों की लिस्ट जारी की है। जिसमें चंपावत : 367, पिथौरागढ़ : 455, अल्मोड़ा : 1112, बागेश्वर : 264, नैनीताल : 938, ऊधमसिंह नगर :1895, चमोली : 436, देहरादून :1094, हरिद्वार :1643, पौड़ी : 455, रुद्रप्रयाग : 372, टिहरी :1533, उत्तरकाशी : 632 शामिल हैं।
इस संबंध में राजस्व परिषद के आयुक्त और पीएम किसान सम्मान निधि के प्रदेश के नोडल अधिकारी बीएम मिश्र ने 26 नवंबर को पत्र जारी किया है। पत्र में वसूली की कार्यवाही कर राज्य सरकार के खाते में चेक या ड्राफ्ट से राशि भेजने को कहा गया है ।
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क्या थी इस लाभ लेने की शर्तें
नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरु की थी। इस योजना के तहत काश्तकारों को हर साल दो-दो हजार की तीन किस्तें दी जाती हैं। उत्तराखंड में 7,56,080 किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। अपात्रता की शर्त के मुताबिक आयकर देने वाले किसानों को इससे वंचित रखा गया था। वहीं दस हजार रुपये पेंशन प्राप्त करने वाले किसानों को भी इस योजना से दूर रखा गया था। गड़बडी के बाद 9053 किसान आयकरदाता और 2243 पेंशन प्राप्तकर्ता किसान अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ लेते रहे। रिपोर्ट के मुताबिक सभी अपात्र किसानों में से कुछ योजना की पांच किस्तें ले चुके हैं।
कैसे चला गड़बड़ी का पता?
किसान सम्मान निधी का लाभ लेने वाले अपात्र किसानों का पता तब चला जब आयकर विभाग ने बैंक खाता और आधार कार्ड नंबर का मिलान किया। वहीं कुछ अन्य अपात्र किसान पीएम किसान पोर्टल के सत्यापन में पकड़ में आए। आयकरदाता और दस हजार पेंशन प्राप्तकर्ता किसान इस योजना के तहत अपात्रता की श्रेणी में आते हैं। अब इन अपात्र किसानों की जानकारी राजस्व विभाग को सौंप दी गयी है। इसके बाद अब अपात्र किसानों के बैंक के खातों में रुपये होने पर स्वतः ही लाभ निधि काट दी जाएगी और जिनके खातों में पर्याप्त राशी नहीं होगी तो उन्हें राजस्व विभाग द्वारा वसूली करने का आग्रह किया गया है।
सौजन्य – रिपोर्ट अमरउजाला
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