देवरिया ताल (Devariya Tal) उत्तराखंड में स्थित एक ऐसी खूबसूरत झील जिसका सम्बन्ध कहते हैं महाभारत की पौराणिक कथा और देवता इंद्र से है। इस पोस्ट में हम आपको देवरिया ताल झील से जुड़े पौराणिक पहलु, देवरिया ताल के आस-पास घूमने की खूबसूरत जगहों और देवरिया ताल के आस पास स्थित स्थानों की जानकारी देंगे तो पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
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देवरिया ताल | Devariya Tal
देवरिया ताल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ से महज 14 किमी सड़क मार्ग और लगभग 3 किमी पैदल मार्ग की दूरी पर स्थित है। पहाड़ के चोटी पर स्थित इस झील को बाँज, बुरांश के जंगल ने घेरा हुआ है, जो इसकी खूबसूरती पर चार चाँद लगा देते हैं।
वर्षा और शीत ऋतु में देवरिया ताल का नजारा और भी मनमोहक लगता है। जब उसके चारों ओर का नजारा बिलकुल हरा या बर्फ की सफ़ेद चादर से ढक जाता है। इस झील के ठीक सामने चौखम्भा, गंगोत्री, नीलकंठ और केदारनाथ की चोटी हैं। जिसका प्रतिबिम्ब जब शीत ऋतु में झील के हरे जल में पड़ता है तो वो नजारा देखते ही बनता है।
देवरिया ताल आने वाले ज्यादातर यात्री युवा होते हैं क्यूंकि उत्तराखंड के अन्य स्थानों के इतर यह झील धार्मिक पर्यटन का केंद्र नहीं है। इसलिए चोपता की सैर पर घूमने आए अधिकांश यात्री यहां ट्रैकिंग और कैंपिंग का आनंद लेते हैं।
इसके अलावा इस स्थान पर उत्तराखंड सरकार की भी विशेष नजर है, सरकार द्वारा इसके आसपास ईको टूरिज़म को बढ़ावा दिया जा रहा है। आने वाले समय में चोपता के बनियातौली में एक नेचर वॉक कैनोपी भी बन रहा है।
देवरिया ताल से जुड़ी पौराणिक कहानी | Mythological story related to Devariya tal.
आप देवभूमि में हो और उसका जुड़ाव किसी धार्मिक या पौराणिक कथा से ना हो ऐसा कैसे हो सकता है?, हम अक्सर अपने पोस्ट में हर सुंदर पर्यटन स्थल के पौराणिक और धार्मिक महत्व के बारे में अपने रीडर्स को बताते हैं ताकि अगर उस जगह का कोई धार्मिक महत्व है तो आप उसे जाने और जाने अनजाने वहां रह रहे स्थानीय लोगों के मन को ठेस न पहुंचाए।
देवरिया ताल का सम्बन्ध भी दो पौराणिक कथाओं से जोड़ा जाता है। पहली पौराणिक कथा के अनुसार देवरिया ताल को इंद्र सरोवर के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं कि देवताओं के राजा इंद्र इस स्थान पर स्नान करने आते थे। उत्तराखंड के सभी झीलों को किसी ना किसी देवता से जोड़ा जाता है जैसे केदारताल में भगवान शिव स्न्नान करने आते थे आदि। आप केदारताल के बारे में हमारी अन्य पोस्ट में पढ़ सकते हैं।
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दूसरी कथा के अनुसार जब महाभारत काल के नायक पांडव वनवास काट रहे थे तो इसी झील के किनारे यक्ष ने युधिष्ठर से सवाल किये थे। इन्ही तो पौराणिक मान्यताओं से इस झील की महत्ता बढ़ जाती है। कालांतर में इस झील के किनारे मेला लगता था और जल यात्रा भी निकलती थी.
उखीमठ में स्थित पुजारियों के अनुसार देवरिया ताल के झील का जल कालांतर में औंकारेश्वर में निकलता था, और भगवान शिव पर चढ़ाया जाता था। उखीमठ के इसी औंकारेश्वर मंदिर में भगवान शिव की केदार डोली शीतकाल में रखी जाती है।
देवरिया ताल के आसपास घूमने के स्थान | Places to visit near Devariya tal
देवरिया ताल के आसपास घूमने के बहुत से खूबसूरत स्थल हैं। आप अगर एक दिन के लिए देवरिया ताल में ठहरे तो आसपास की इन खूबसूरत जगहों में घूम सकते हैं।
* दुग्गल बिट्ठा – दुग्गलबिट्ठा में आप बर्ड वाचिंग, कैम्पिंग या फिर जंगल वाक आदि का आनंद ले सकते हैं।
* तुंगनाथ – तुंगनाथ देवरिया ताल से महज कुछ ही दूरी पर स्थित है। जहाँ के नजारे देखते ही बनते हैं। तुंगनाथ के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
* सारी गांव – सारी गांव से ही देवरिया ताल का पैदल मार्ग शुरू होता है। आप अगर चाहे तो घाटी में बसे इस सुन्दर गांव की सैर कर सकते हैं।
* रोहणी बुग्याल – रोहणी बुग्याल देवरिया ताल से 8 किमी के ट्रेक पर स्थित है, आप चाहे तो इस खूबसूरत कम चर्चित ट्रेक का भी आनंद ले सकते हैं।
इसके आलावा मैंने चोपता में घूमने की 10 सुन्दर जगहों के बारे में लिखा है। आप इसे भी पढ़ सकते हैं।
देवरिया ताल घूमने का सबसे उत्तम समय | Best time to visit Devariya Tal
वैसे तो देवरिया ताल 12 महीने ट्रैकिंग के लिए खुला रहता है। मगर आप अगर आना चाहे तो सितंबर- अक्टूबर या जनवरी बर्फ़बारी के समय इस स्थान पर आकर मजे ले सकते हैं। गर्मियों में मार्च-अप्रैल या फिर मिड जून यहाँ आना सबसे अच्छा रहेगा। हालांकि बरसात के मौसम भी उत्तराखंड में यात्रा को प्रभावित करता है तो आप इसका ध्यान रखें।
देवरिया ताल कैसे पहुँचे | How to reach Devariya Tal
दिल्ली या ऋषिकेश से आने वाले यात्री – आप देवरिया ताल के सड़क मार्ग सारी तक आराम से ट्रैवलर या फिर प्राइवेट गाड़ी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा यदि आप कम ख़र्च में देवरिया ताल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप बस द्वारा आराम से उखीमठ और वह से ट्रैकर लेकर देवरिया ताल पहुँच सकते हैं।
बद्रीनाथ या चमोली से आने वाले यात्री – यदि आप बद्रीनाथ से देवरिया ताल घूमते हुए आना चाहते हैं तो आप गोपेश्वर से आराम से चोपता और फिर सारी तक पहुंच सकते हैं। हालांकि इसके लिए प्राइवेट वहां का होना आवश्यक है क्यूंकि उस रूट से कम ही वाहन चलते हैं।
नोट – यदि आप रुद्रप्रयाग में हैं और तुंगनाथ, कार्तिक स्वामी या फिर रुद्रप्रयाग के आसपास की जगहों को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो आप हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।
देवरिया ताल झील से जुड़े पौराणिक पहलु, देवरिया ताल के आस-पास घूमने की और भी खूबसूरत जगहों और देवरिया ताल घूमने के बहुत सी जगह से जुड़ी यह पोस्ट अगर आप को अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।