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देवभूमि के फल काफल में छुपे कई रोगों के इलाज | Benefits of kafal hindi

हिमालय की पहाड़ियों और उत्तराखंड के जंगलों में पाया जाने वाला एक पहाड़ी फल – जिसके नाम में ही इसके गुण छुपा है। यानि कफ और वात को हरने वाला फल- काफल (Kafal)। सदाबहार पेड़ पर उगने वाला यह फल, जिसका रंग लाल और हल्का ब्लैकबेरी जैसा होता है। यह अपने में बहुत गुणों को छुपाए रहता है। पर बीमारियों में काफल के फायदे के बारे में जानने से पहले थोड़ा इसके बारे में जान लेते हैं।

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काफल का परिचय | Introduction of kafal Fruit

काफल का वानस्पतिक नाम / वैज्ञानिक नाम मिरिका एस्कुलेन्टा (Myrica esculenta) है। जो मिरीकेसी (Myricacae) कुल का है। इंग्लिश में इसे बेय बैरी (Bay Barry) या बॉक्स मिर्टल (Box Myrtle) कहते हैं और भारत के विभिन्न इलाकों में भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे संस्कृत में कट्फल, सोमवल्क , हिन्दी में कायफर, कायफल, काफल, उर्दू में कायफल, गुजराती में कारीफल, पंजाबी में कहेला आदि । काफल का भारत के मध्य हिमालयी क्षेत्र और नेपाल में बहुतायात है और यहाँ‌‌ की जलवायु इसके फलने-फुलने‌ के उत्तम मानी जाती है।

काफल के अनेक औषधीय गुण आयुर्वेद में मिलते हैं। यह फल अपने‌‌ आप में एक जड़ी-बूटी है। चरक संहिता में भी इसके अनेक गुणकारी लाभों के बारे में वर्णन है। काफल के छाल, फल, बीज, फूल सभी का इस्तेमाल आयुर्विज्ञान में किया जाता है। काफल सांस संबंधी समस्याओं, डायबिटीज, पाइल्स, मोटापा, सूजन, जलन, मुंह में छाले, मूत्रदोष, बुखार, अपच, शुक्राणु के लिए फायदेमंद व दर्द निवारण में उत्तम है। नीचे कुछ ऐसे ही गुणकारी लाभों के बारे में बताया जाएगा जिससे काफल से लाभ प्राप्त होता है।

काफल के फायदे | Benefits of kafal

हमारे शरीर से जुडी बहुत से बिमारियों में पहाड़ी फल काफल के फायदे ( Benefits of kafal ) देखने को मिलते हैं, जिनमें से कुछ का जिक्र नीचे किया गया है।

सिरदर्द में फायदेमंद है काफल : – आजकल‌ के व्यस्त लाइफ स्टाइल में सिरदर्द एक ऐसी बिमारी है जिससे हर‌ कोई जूझता है। इसके इलाज के लिए हम तरह-तरह की केमिकल गोलियों ‌को खाते रहते हैं जो असरदार तो होती हैं। मगर शरीर उसका आदि बनता जाता है। मगर आर्युविज्ञान ने काफल के ऐसे गुणकारी इलाजों को खोजा है जिससे आप घरेलु उपायों से ही सिरदर्द से निजात पा सकते हैं। काफल‌ के छाल का चूर्ण बनाकर नाक से सांस लेने पर कफ से जन्मे सिरदर्द से निजात मिलता है। वहीं इसके अलावा काफल के तेल को मरिच चूर्ण मिलाकर सूंघने से भी सिरदर्द कम हो जाएगा।

आँखों के इलाज में फायदेमंद है काफल:- काफल आँख के इलाज में भी लाभकारी है। आए दिन प्रदूषण से हम आँख की विभिन्न समस्याओं से ग्रसित होते रहते हैं। जैंसे आँख का लाल होना, रतौंधी, आँख में दर्द आदि।‌ काफल से बना काजल इन विकारों को दूर करने में उपयोगी है।



नाक की समस्याओं में फायदेमंद है काफल :– नाक संबंधी समस्याओं से निजात के लिए भी काफल का प्रयोग किया जाता है।

कान के दर्द में फायदेमंद है काफल: काफल खांसी-जुखाम के साइड इफैक्ट से जन्मे कान के दर्द में भी लाभकारी है।

दांत दर्द में काफल के फायदे :- यदि आप दांत दर्द से परेशान हैं तो काफल के तने के छाल को दाँतों में दबाने से दांत दर्द में निजात मिलता है।

सांस संबंधि समस्याओं में काफल गुणकारी – यदि आप को सांस लेने में तकलीफ है और कफ के कारण ऐसा होता है तो आप काफल के चूर्ण में, शहद व अदरक का मिलाकर सेवन करने से कफ जनित श्वास की समस्या से लाभ मिलता है।

खांसी में फायदेमंद है काफल:- काफल‌ के छाल के काढ़े को पीने से खांसी‌ में लाभ प्राप्त होता है।

दस्त से राहत देता है काफल:- यदि आप चटोरे हैं और मसालेदार खाने, पैकेज्ड फूड व बाहर के खाने से दस्त आपकी रुक नहीं रही है‌ तो आप काफल के चूर्ण को शहद‌ के मिलाकर खाने से से दस्त में लाभ मिलेगा।

मस्से करेगा दूर :– काफल का पेस्ट मस्सों पर लगाने से तुरन्त आराम मिलता है।

नपुंसकता दूर भगाये :- काफल छाल के तेल का प्रयोग करने नपुंसकता दूर होती है।

पेटदर्द में लाभ  :- काफल चूर्ण को एक चुटकी नमक के साथ सेवन करने से गैस से उपजे पेट में दर्द से लाभ मिलता है।



लकवा में भी लाभ :- काफल के तेल को शरीर पर मलने से पक्षाघात (लकवा) में भी लाभ मिलता है।

बुखार में लाभ :- कफ से जन्मे बुखार में राहत के लिए काफल चूर्ण में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर मधु के साथ चाटने से बुखार में राहत मिलता है।

अत्यधिक पसीने को करे दूर :- काफल के चूर्ण को सोंठ में मिलाकर, पीसकर शरीर में मलने से ज्यादा पसीना निकलना बंद हो जाता है।

सूजन कम करे :- काफल चूर्ण कि पानी में पीसकर सूजन पर लगाने से सूजन में राहत मिलती है।

इसे भी पढें  – काफल से जुड़ी कहानी 

तो ये थे काफल से विभिन्न बिमारियों में होने वाले लाभ, इसके अलावा भी बहुत सी बिमारियाँ ( Benefits of kafal ) हैं जिसमें काफल का प्रयोग किया जाता है।

नोट :- काफल से जुड़े ये सारे‌ प्रयोग आप आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करें।

संदर्भ :- पतंजली योगपीठ 


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Deepak Bisht

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