गूल नहर का छोटा रूप है। नदी-नालों में बाँध बनाकर छोटी-छोटी नालियाँ बनाकर इन्हें खेतों तक पहुंचाया जाता है इसे गूल कहते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में गहरी घाटियाँ और तीव्र ढलान होने के कारण बड़ी नहरें निकालना संभव नहीं होता इसलिए छोटी-छोटी गूलों द्वारा खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है। बरसात में बाँधों के टूट जाने के कारण पुनः ऊँचाई पर बाँध बनाकर गूलों तक पहुंचाया जाता है। सिंचाई के अलावा गूलों का प्रयोग घराटों (पनचक्कियों) को चलाने में भी किया जाता है।
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