*उत्तरकाशी* | Uttarkashi
भारत में उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल मंडल का एक जिला है उत्तरकाशी, जो कि उत्तर दिशा में स्थित है। उत्तरकाशी का उपनाम “उत्तर का काशी” है। इसका मुख्यालय उत्तरकाशी शहर में है। इस जिले की स्थापना 24 अगस्त 1960 को हुई थी। उत्तरकाशी का पुराना नाम बाड़ाहाट है। जिसका कुल क्षेत्रफल 8,016 वर्ग किमी है। उत्तरकाशी ऋषिकेश से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर समुद्र तल से 1158 मीटर की ऊँचाई पर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। उत्तरकाशी को आमतौर पर ऋषिकेश के करीब एक पवित्र शहर के रूप से जाना जाता है। उत्तरकाशी में कई आश्रम और मंदिर है साथ ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भी है।
उत्तरकाशी के अंतर्गत छः तहसील आती है जो कि बड़कोट, डूंडा, भटवाड़ी, चिन्याली सौर, पुरोला और मोरी है। उत्तरकाशी जिला हिमालय की सीमा में स्थित है, इस जिले में गंगोत्री और यमुना दोनों नदी के स्रोतों से यमुनोत्री नदी प्राप्त होती है। जो हजारों हिन्दू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है, जिनमें कई हिन्दू मंदिर है और इसे एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल भी माना जाता है। यह भगवान शिव की पसंदीदा जगह में से एक है जिसे काशी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है।
अगर खूबसूरती की बात करे तो यहाँ का नजारा अद्भुत ही है एक तरफ पहाड़ो से बहती हुई नदी की धारा तो दूसरी तरफ घने जंगल भी देखने में बहुत ही आकर्षक लगते है। साथ ही आप यहाँ आकर ट्रैकिंग के मजे भी ले सकते है। मार्च से अप्रैल तथा जुलाई से अक्टूबर से यहां जाने का सबसे उत्तम समय माना जाता है।
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*उत्तरकाशी का इतिहास* | * History of Uttarkashi *
15वीं सदी में दिल्ली के सुल्तान बहलूल लोदी ने ‘पाल’ को ‘शाह’ नाम में बदल गया। सन् 1803 में नेपाल के गोरखा लोगों ने गढ़वाल पर आक्रमण कर दिया और अमर सिंह थापा को यहां का शासक बना दिया। इसके बाद सन् 1815 में अंग्रेजों ने गोरखाओं को भगाकर गढ़वाल को ब्रिटिश जिले के रूप में जोड़ा गया था, और इसे पूर्वी और पश्चिम गढ़वाल में विभाजित किया गया। पूर्व गढ़वाल यह राज्य वर्तमान में टिहरी गढ़वाल के रूप से जाना जाता है।
1947 में जब देश अंग्रेजों के शासन से आजाद हुआ तो 1949 में समूचे गढ़वाल को उत्तर प्रदेश राज्य में मिला दिया गया।
पौराणिक काल से ही समय-समय पर गढ़वाल के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां आकर बसने लगे। सबसे पहले यहां कोल, कीरत और खस ( भोटिया ) लोग आए जो आज ब्राह्मण और राजपूत हैं।
*खानपान* | *food and drink*
उत्तरकाशी के अधिकांश रेस्टोरेंट में शाकाहारी भोजन ही मिलता है। यहाँ का प्रमुख भोजन झंगुरा, मंडुआ और भट्ट है। यहां कुछ होटलों में विशेष अनुरोध किये जाने पर गढ़वाली भोजन भी बनाया जाता है।
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*उत्तरकाशी से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी* | * Some other information related to Uttarkashi *
उत्तरकाशी की जनसंख्या :- 3,29,686
उत्तरकाशी का क्षेत्रफल :- 7951 sq km
उत्तरकाशी की सीमा रेखा :- पूर्व में चमोली व रुद्रप्रयाग, पश्चिम में देहरादून, उत्तर में हिमाचल व चीन, दक्षिण में टिहरी।
उत्तरकाशी की नदियां :- भागीरथी, यमुना, टौंस, इन्द्रावती।
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध मंदिर :- गंगोत्री, यमुनोत्री, विश्वनाथ मंदिर, शक्ति पीठ, कर्णदेवता, दुर्योधन मंदिर, कपिलमुनि आश्रम, कुटेटी देवी, भैरव देवता का मंदिर, शनि देव मंदिर।
उत्तरकाशी के कुण्ड :- देवकुंड, गंगनानी, सूर्यकुंड (यमुनोत्री)।
उत्तरकाशी की हवाई पट्टी :- चिन्यालीसौड़।
उत्तरकाशी के राष्ट्रीय उद्यान :- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान व गोविंदा वन्यजीव विहार।
उत्तरकाशी की गुफा :- प्रकटेश्वर गुफा।
उत्तरकाशी के पर्वत :- भागीरथी, गंगोत्री, यमुनोत्री, श्रंगकंठ, बंदरपूंछ।
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल :- दयारा बुग्याल, हर्षिल, गंगोत्री, यमुनोत्री, भैरोघाटी, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, हर की दून, गौमुख, तपोवन, गंगनानी, नचिकेता ताल।
Wildlife conservation in Uttarakhand
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