इस समय सारा विश्व करोना महामारी से जूझ रहा है। पूरे विश्व में 9 मिलियन से भी अधिक लोग COVID-19 की चपेट में है। भारत में भी इसके मरीजों की रफ्तार दिन प्रतिदिन दुगनी हो गयी है। हर देश में मौजूद कंपनियाँ कोरोना से लड़ने के लिए दवा या एंटिवायरिस (Corona medicine) बनाने की होड़ में है। और इस दौड़ में भारत की कंपनियाँ भी पीछे नहीं है। बाबा राम देव से संबंधित आयुर्वेदिक कंपनी ने भी कोरोनिल दवा से कोरोना से संक्रमित मरीजों को ठीक करने का दावा किया है। इसके लिए पतंजलि ने 100 लोगों पर कोरोनिल दवा का प्रयोग किया और कोरोनिल की मदद से मरीजों के पूरी तरह ठीक करने की बात कही है। हालाँकि आयुष मंत्रालय ने पतंजली को कोरोनिल के प्रचार पर रोक लगाने को कहा है। आपको इस पोस्ट में ऐसी ही करोना से लड़ने के लिए मुख्य रुप से चार दवा फैबी फ्लू, रेमेडिसविर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और कोरोनिल के बारे में बताया जाएगा जिन्हें कोरोना (Corona medicine) से लड़ने के लिए तैयार किया गया है।
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फेविपिरवीर (फैबी फ्लू) | Favipiravir (Fabiflu)
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल कंपनी जो कि दवाओं पर शोध करती है उसने फेविपिरवीर (फैबी फ्लू) दवा का निर्माण किया है। जो कोविड-19 के रोगियों पर इस्तेमाल के लिए बनाया गया है। हाल ही में इस दवा को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी मंजूरी दे दी है। फेविपिरवीर दवा फैबी फ्लू नाम से उपलब्ध की जाएगी जिसकी कीमत 103 रुपये प्रति टेबलेट रखी गयी है। इस दवा का निर्माण कार्य शुरु हो गया है और अगले सप्ताह से यह उपलब्ध हो जाएगी। इस दवा को चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही देने की बात कही है। फेविपिरवीर (फैबी फ्लू) दवा एक एंटिवायरल दवा है जिसे जापानी फ्लू के उपचार के लिए बनाया गया था। इसलिए इसे जापानी फ्लू दवा के नाम से भी जाना जाता है। फेविपिरवीर (फैबी फ्लू) का अभी इटली, ब्रिटेन और अमेरिका में उपचार चल रहा है।
रेमेडिसविर |Remdesivir
फार्मास्यूटिकल कंपनी सिप्ला और हेटरो ने रेमेडिसविर दवा को संयुक्त रुप से पेश किया है जो कि एक एंटिवायरल दवा है। इस दवा से पहले इबोला का इलाज किया जाता था। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के साधारण इलाजों पर रेमेडिसविर दवा के प्रयोग को मंजूरी दी है। हालांकि रेमेडिसविर की इस दवा को गर्भवती व हाल ही में माँ बनी महिलाओं, 12 से कम उम्र के छोटे बच्चों व गुर्दे की बिमारी वाले व्यक्तियों पर मनाही है। हेटरो कंपनी की रेमेडिसविर – कोविफोर की इस दवा के एक सीसी की कीमत 6,000 रुपये है। रेमेडिसविर को सिपला की सिप्रेम के साथ दी जाएगी। सिपला ने सिप्रेम के दाम को अभी तय नहीं किया है।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन | Hydroxychloroquine (HCQ)
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) एक मलेरिया रोधी दवा है। जिसे भारत, अमेरिका समेत कई देश प्रयोग में ला रहे हैं। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) जिसे मलेरिया के उपचार के लिए बनाया गया था इसे कोरोना में भी कारगर बताया गया है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का सबसे बड़ा उत्पादन कर्ता भारत है और भारत इस दवा को कई देशों को मुहैया करा रहा है।
कोरोनिल | Coronil
कोरोना से लड़ने के लिए आर्युवैदिक कंपनी पंतजली ने कोरोनिल दवा पेश की है। कोरोनिल को दिव्य फार्मास्यूटिकल्स और पतंजली ने मिलकर निर्माण किया है। कोरोनिल के लिए पतंजली का दावा है कि 100 लोगों पर किये गए परिक्षण में कोरोनिल दवा 100 फिसदी कारगर रही है। कोरोनिल को आयुर्विज्ञान के कई औषधीयों मुलैठी, अश्र्वगंधा, तुलसी, श्र्वासारि आदि से तैयार किया गया है। पतंजली ने कोरोनिल को मात्र 600 रुपये में मुहैया कराने की बात कही है। वहीं गरीबों के लिए फ्री किट पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दे कोरोनिल का आज मेगा लाँच पतंजलि और दिव्य फार्मास्यूटिकल्स द्धारा किया गया था। जिसके कुछ ही घंटे बाद भारत के आयुष मंत्रालय ने पतंजली को इस दवा के प्रचार पर रोक लगाने को कहा था। इसका प्रमुख कारण यह है कि कोरोनिल को मंत्रालय द्धारा हरी झंठी नहीं मिली है और उन्होंने पतंजलि से अपने किये दावे पर जवाब भी माँगा है।
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तो ये थी कोरोना से लड़ने वाली दवा (Corona medicine) इसके अलावा भी बहुत दवा हैं जिसपर अभी सरकार समीक्षा कर रही है। जानकारी अच्छी लगी हो तो ये पोस्ट शेयर करे साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।