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चकराता | Chakrata
चकराता देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 340 किमी की दूरी पर स्थित है, जबकि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 88 किमी की दूरी पर स्थित है। चकराता एक छोटे से गाँव जैसा कैंटोनमेंट एरिया है, जो कि स्टारकॉज़िंग के लिए मशहूर है। यहाँ वैसे तो घूमने के लिए बहुत सी जगह है लेकिन स्टारकॉज़िंग के लिए यह जगह पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। चकराता समुद्रतल से लगभग 7500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ पर्यटकों को हिमालय की बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों का एक बेहतरीन नज़ारा देखने को मिलता है। पर्यटक यहाँ स्टारकॉज़िंग के आलावा भी कई आकर्षित जगह भी घूम सकते हैं।
चकराता के बारे में
चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग में रुचि लेने वालों के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है। यहाँ के सदाबहार शंकुवनों में दूर तक पैदल चलने का अपना ही मजा है। चकराता में दूर-दूर फैले घने जंगलों में जौनसारी जनजाति के आकर्षक गांव हैं। यह नगर उत्तर पश्चिम उत्तराखंड के जौनसर बावर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। चकराता की स्थापना कर्नल ह्यूम और उनके सहयोगी अधिकारियों ने की थी। उनका सम्बंध ब्रिटिश सेना के 55 रेजिमेंट से था। यहां के वातावरण को देखते हुए अंग्रेजों ने इस स्थान को समर आर्मी बेस के रूप में इस्तेमाल किया। वर्तमान में यहां सेना के जवानों को कमांडों की ट्रैनिंग भी दी जाती है।
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चकराता में घूमने की जगहें –

1.) टाइगर फॉल
शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी को छोड़कर और भीड़-भाड़ भरी जिंदगी से दूर अक्सर लोग प्राकृतिक की गोद में जाना पसंद करते है, जहाँ उन्हें सुकून व शांति मिलती है। टाइगर फॉल चकराता से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। जो कि घने जंगलों के बीच जगह है जहाँ पर 312 फ़ीट ऊंचाई से नीचे की ओर एक झरना बहता है। जो कि भारत का सबसे ऊंचा डायरेक्ट वॉटर फॉल है। यह जगह टूरिस्टों के लिए पिकनिक स्पॉट एवं ट्रेकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

2.) बुढेर की गुफाएं
यह चकराता से लगभग 30 किमी दूर है। जिन्हें मिओला केव्स भी कहा जाता है। साहसिक कार्य पसन्द करने वाले लोग 150 मीटर लम्बी इस गुफ़ा में आकर, गुफ़ा में घूमने का बेहतरीन अनुभव ले सकते है। यह गुफाएं मुख्य रूप से चुना पत्थर से बनी हुई है।
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3.) देववन चकराता
समुद्रतल से 2220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देववन से हिमालय की पहाड़ियों के बेहतरीन नज़ारा देखने को मिलता है। यह पूरा इलाका देवदारों के वृक्षों से बने जंगलों से घिरा हुआ है। इस जंगल में पर्यटकों को चिड़ियों की अनोखी प्रजाति देखने को मिलती है। जो लोग बर्ड वॉचिंग का शौक रखते है उनके लिए यह जगह बहुत ही अच्छा पिकनिक स्पॉट है।

4.) बुढेर फारेस्ट
एशिया के सबसे बेहतरीन जंगलों में से एक बुढेर है। चकराता के पास ही लगभग 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मखमली घास का मैदान बुढेर के नाम से जाना जाता है। यहाँ चुना पत्थर की प्रचुरता की वजह से कई छोटी-छोटी गुफाएं भी बनी हुई है। यहाँ पर देवदारों के वृक्षों के बीच में फारेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा विश्रामगृह भी बना हुआ है। जो कि पर्यटकों के लिए बहुत ही आनंदमय अनुभव प्रदान करता है।
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5.) लाखामंडल
यह चकराता से 62 किमी की दूरी पर स्थित है और समुद्रतल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लाखामंडल के इस क्षेत्र में लगभग सवा लाख शिवलिंगों का संग्रह है। यहां पर यमुना नदी के किनारे एक प्राचीन शिव मंदिर बना हुआ है जिसकी ऊँचाई लगभग 18 फ़ीट है। और यहाँ के स्थानीय निवासी इस मंदिर को पांडवकालीन बताते है।
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6.) महाशू देवता
चकराता में महाशू देवता का मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जो कि चकराता के हनोल में स्थित है। नागर शैली से बना यह मंदिर समुद्रतल से लगभग 1200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। महाशू देव यहाँ के स्थानीय लोगों के आराध्यदेव है।
7.) त्यूणी बाजार
चकराता में चार जिलों का केन्द्र है। जो कि उत्तराखंड के देहरादून-उत्तरकाशी और हिमाचल प्रदेश के शिमला-शिरमोर ज़िले का केंद्र है। यह जगह समुद्रतल से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर बनी हुई है।
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