श्रीनगर गढ़वाल में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए स्थानीय लोगों द्वारा रिवर राफ्टिंग शुरू की गई है। यह रिवर राफ्टिंग श्रीनगर से जयालगढ तक की जायेगी। सोमवार को श्रीनगर के अलकेश्वर घाट से रिवर राफ्टिंग का पहला दल रवाना हुआ। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हरी झंडी दिखाकर दल को रवाना किया। बीजेपी मंडल अध्यक्ष गिरीश चंद्र पैन्यूली ने कहा कि अभी तक केवल ऋषिकेश में ही इस तरह की साहसिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती थी। लेकिन पौडी जनपद में साहसिक पर्यटन को बढावा देने के लिये जहाॅ सतपुली में पैराग्लाईडिंग की तैयारियाँ की जा रही है तो वहीं श्रीनगर में रिवर राफ्टिंग के जरीये एंडवेंचर टूरिज़्म को बढवा दिया जा रहा है। आगे पढ़ें।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप तिवाडी ने आयोजकों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ नगर क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को भी बढावा देने के साथ आने वाले समय में रोज़गार की संभावनाओं को भी पैदा करेगी। कहा कि कोरोना काल में क्षेत्र के कई युवा बेरोजगार हुए है उन्हें भी रोज़गार का यह एक बेहतर माध्यम बन सकता है। हेवन आन द हिल के बीरेन्द्र बिष्ट ने बताया कि पहले लोगों को रिवर राफ्टिंग, कैंपेनिंग के लिये ऋषिकेश जाना पडता था। लेकिन अब श्रीनगर में ही पर्यटक व स्थानीय लोग इसका अनुभव ले सकते है। आगे पढ़ें।
ऋषिकेश की तर्ज पर श्रीनगर को भी साहसिक पर्यटन के रूप में विकसित करने को लेकर रिवर राफ्टिंग शुरू की गई है। रिवर राफ्टिंग श्रीनगर गढ़वाल से जुयालगढ तक कराई जायेगी, भविष्य में इसे कोडियाला तक करवाये जाने का प्लान है। आयोजक राजीव सिंह ने बताया कि शुरूआत में केवल दो बेच चलाये जायेंगे, पर्यटकों की संख्या बढने पर इसे तीन पाली में चलाया जायेगा। विजय कुकरेती ने बताया कि 12 किलोमीटर लंबी रिवर राफ्टिंग यहाॅ आयोजित की जा रही है। स्थानीय युवाओं को भी साहसिक गतिविधियों में भाग लेने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।
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