बाबा के जयकारो के बीच द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट बृहस्पतिवार को प्रात: 7 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारी, वेदपाठी- पुजारी गण स्थानीय लोग एवं सीमित संख्या में श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे। मद्महेश्वर धाम में भी में गुरुवार को सर्द मौसम तथा जमी बर्फ के बीच ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर खोला गया। जिसके पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी पूजा-अर्चना दर्शन हुए। तत्पश्चात पुजारी टी.गंगाधर लिंग ने स्यंभूशिवलिंग का समाधि पूजा कर शिवलिंग को समाधि दी । इसे भी पढ़ें – बंद हुए बद्रीनाथ के कपाट, आखरी दिन 5 हजार लोगों ने किये दर्शन
कपाट बंद होने के पश्चात श्री मदमहेश्वर की उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की तथा प्रथम पड़ाव गौंडार गांव को प्रस्थान किया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि भगवान मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली अपने देवनिशानों के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। और इसके साथ ही औंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान मद्महेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो जायेंगी। कार्यक्रमानुसार 20 नवंबर को मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली द्वितीय पड़ाव रांसी, 21 नवंबर को तृतीय पड़ाव गिरिया तथा 22 नवंबर को अपने गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुचेंगे। इसी दिन परंपरागत रूप से मध्यमहेश्वर मेला आयोजित होगा। आगे पढ़ें। इसे भी पढ़ें – नयार घाटी में तीन दिन चलने वाले राष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता एवं एडवेंचर फेस्टिवल का शुभारम्भ
इस दौरान रावल जी के प्रतिनिधि श्री केदालिंग जी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, पुजारी बागेश लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, कोषाध्यक्ष आर सी तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, प्रबंधक प्रदीप सेमवाल सहित केदारनाथ विधायक मनोज रावत,पूर्व विधायक आशा नौटियाल जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट , देवानंद गैरोला, पुष्कर रावत तथा स्थानीय जनता, तीर्थ यात्री श्री मद्महेश्वर जी की डोली की मंगोल चौंरी में स्वागत करेंगे। इसे भी पढ़ें – श्रीनगर गढ़वाल में बनेगा पहाड़ का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन
उल्लेखनीय है कि पंच केदारों में शुमार ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर, चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को बंद हो गये है। चार धामों में श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर,श्री यमुनोत्री धाम एवं श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद हो चुके हैं जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट भी गुरुवार शाम को शीतकाल हेतु बंद हो गए हैं । पञ्च केदारों में द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद होने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी इस साल समाप्त हो गयी है।
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