अगर आप उत्तराखण्ड पीसीएस और राज्य स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो अक्सर कई सवाल राज्य में उपस्थिति दर्रों से संबंधित पूछा जाता है। इस पोस्ट में उत्तराखण्ड में मौजूद प्रमुख दर्रों ( major passes in Uttarakhand) के बारे में बताया गया है। इन दर्रों का पूर्व व्यापारिक रुप से बेहद महत्व था इन्हीं दर्रों के कारण पूर्व में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक आते जाते रहे हैं। यहाँ तक कि बहुत से आक्रमणकारी इन्हीं दर्रों का सहारे भारत में घुसे थे और इस जगह को लूट कर गए।
फिर वो चाहे सिकंदर हो या फिर मौहम्मद गजवी या मौहम्मद गौरी सबने भारत के उत्तर में स्थित विशाल हिमालय श्रृंखलाओं को पार किया तथा भारत पर आक्रमण करने के लिए एक सुसज्जित सेना लेकर आए। वहीं इसके अलावा गढ़वाल के शासक भी इन्हीं दर्रों के सहारे कई बार तिब्बत पर आक्रमणकर चुके हैं। तो बस पढ़िए उत्तराखण्ड के इन प्रमुख दर्रों के बारे में ।
दर्रा क्या है?
पर्वतों और पहाड़ों के बीच स्थित प्राकृतिक संकरा मार्ग जिसका सदियों से व्यापारिक महत्व रहा है। यही नहीं युद्ध के लिए भी एक देश दूसरे देश पर पूर्व में इन्हीं दर्रों का इस्तेमाल करते थे। प्राकृतिक रुप से ये दर्रे नदी जल धाराओं या फिर हिमानियों के द्वारा बनते हैं जो कालांतर में सूख कर आवाजाही का प्रमुख मार्ग होता है।
उत्तराखण्ड में मौजूद प्रमुख दर्रों की सूची
नीचे सूचि में उत्तराखण्ड में मौजूद दर्रे और उसके आगे संपर्क मार्ग का नाम दिया है। ध्यान से पढ़ें ।
दर्रे संपर्क
श्रृंग कण्ठ उत्तरकाशी - हिमाचल प्रदेश
थागला उत्तरकाशी - तिब्बत
कालिंदी उत्तरकाशी - चमोली
मुलिंगला उत्तरकाशी - तिब्बत
नेलंग उत्तरकाशी - तिब्बत
सागचोकला उत्तरकाशी - तिब्बत
लासपा पिथौरागढ - चंपावत
ट्रेल पास पिथौरागढ - बागेश्वर
सुन्दरढुंगा बागेश्वर - चमोली
नीति चमोली - तिब्बत
किंगरी - बिंगरी चमोली - तिब्बत
माणा या डुंगरीला चमोली - तिब्बत
बालचा चमोली - तिब्बत
शलशल चमोली - तिब्बत
तन्जुम चमोली - तिब्बत
कोई चमोली - तिब्बत
भ्यूंडार चमोली - तिब्बत
चोरहोती चमोली - तिब्बत
लमलंग चमोली - तिब्बत
घाटरलिया चमोली - तिब्बत
लिपुलेख - गुंजी पिथौरागढ़ - तिब्बत
दारमा - नवीधुरा पिथौरागढ़ - तिब्बत
मानसया - लम्पिया पिथौरागढ़ - तिब्बत
ऊंटा पिथौरागढ़ - तिब्बत
जयंती पिथौरागढ़ - तिब्बत
कुआंरी पास औली के निकट (चमोली)
नोट- ये ध्यान देने योग्य बात है कि मानसरोवर यात्रा के लिए प्रयोग किया जाने वाला प्रमुख दर्रा लिपुलेख है जो पिथौरागढ और तिब्बत को जोड़ने का कार्य करता है। ऊंटा, जयंती व किंगरी-बिंगरी दर्रों को सम्मिलित रुप से तीन धूरा कहा जाता है।
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