उत्तराखण्ड में द्धितीय केदार मदमहेश्वर की यात्रा जल्द ही और सुगम होने वाली है। आजादी के 73 सालों के इंतजार के बाद रांसी-तलसारी तोक- गौंडार मोटर मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण को हरी झंडी मिलने से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। इससे जनपद के आखिरी गांव गौंडार में 76 परिवारों का वर्षों से सड़क का इंतजार अब खत्म हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) द्धारा जरुरी धनराशी वन विभाग में जमा करने के बाद भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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आपको बता दें कि गौंडार गांव, मदमहेश्वर की यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। जिसकी दूरी रांसी के बाद पैदल ही पूरी की जाती है। रांसी – तलसारी तोक – गौंडार पाँच किलोमीटर सड़क की स्वीकृति वर्ष 2004-05 में ही मिल गई थी। मगर वन हस्तांतरण की नीति के कारण सालों तक यह सड़क फाइलों में ही सिमटी रही। सालों तक स्थानिय लोगों व जनप्रतिनिधियों के संघर्ष के बाद आखिरकार इस सड़क को केंद्र द्धारा भी स्वीकृति मिल गयी है। इस पर गांव वालों में काफी खुशी जाहिर कि तथा बताया कि सड़क बनने से अब गौंडार भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो जाएगा। आगे पढ़ें। इसे पढ़ें – रुद्रप्रयाग में स्थित इस जगह का कैंपिंग डेस्टिनेशन के रुप में होगा विकास.. पढ़िए पूरी खबर
आपको बता दें कि सड़क बनने से जहाँ स्थानिय लोगों को अब पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। वहीं रांसी जो हल्के वाहनों के लिए सड़क बनाई गयी थी। लेकिन अब गौंडर तक सड़क मार्ग बनने से 18 किमी मदमहेश्वर की यात्रा की दूरी भी कम हो जाएगी। वहीं सड़क मार्ग निर्माण के बाद गौंडार मुख्य बाजार के रुप में विकसित होगा। इससे यात्रा काल के दौरान स्थानिय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। इस मौके पर प्रधान वीर सिंह पंवार, क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर भट्ट, सरपंच मदन सिंह पंवार, महिला मंगल दल अध्यक्ष कविता देवी, दरवान सिंह, गोपाल सिंह, कुंवर सिंह ने खुशी जाहिर की व ग्राम वासियों को बधाई दी।
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