Viral News

दुनिया के सबसे ऊँचे शिव मंदिर की विरासत को संजोएगा भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण

तुंगनाथ मंदिर

 

उत्तराखंड की विरासत बरसों पुरानी है। जिसके साक्ष्य सैकड़ों सालों से अस्तित्व में रहे मंदिरों और देवस्थानों से मिलते हैं। ये देवभूमि का महत्व ही है कि जो इसकी शाँति और संदुरता से एक बार महसूस करता है यहीं का होकर रह जाता है। कहते हैं कि यहाँ स्थित ऊँची-ऊँची हिमाच्छादित पर्वत श्रंखलाओं और सदानीरा जल धाराओं के एकमेव स्वामी शिव हैं। यही वजह है इस क्षेत्र में ज्यादातर शिव मंदिरों की बहुलता है। जिनकी अपनी विशेषता और महत्व है।                                                                        इसे पढ़ें – रुद्रप्रयाग में स्थित इस जगह का कैंपिंग डेस्टिनेशन के रुप में होगा विकास.. पढ़िए पूरी खबर



इन्हीं में से एक मंदिर है रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भोलेनाथ का तुंगनाथ मंदिर । ये तुंगनाथ मंदिर की विशेषता और सुंदरता ही है कि साल के हर महीने यहाँ यात्रियों का जमावड़ा लगा रहा है। मगर अब जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं उससे इस मंदिर की शोभा में चार चांद लग जाएगा। जी हाँ दुनिया के सबसे ऊँचे शिवालय कहे जाने वाले तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के प्राचीन मंदिर के राष्ट्रीय महत्व के चलते इसे राष्ट्रीय धरोहर के रुप में संरक्षित किया जाएगा। अगले साल यानि वर्ष 2021 में मंदिर के संरक्षण करने का कार्य शुरु हो जाएगा। इसके संदर्भ में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्धारा केंद्र को ज्ञापन भेज दिया गया है। आगे पढ़िए।                                          इसे भी पढ़ें – 84 कुटिया : ऋषिकेश में दूसरा सबसे बड़ा पर्यटक स्थल .. क्यों है इतना प्रसिद्ध? जानिए



रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी वंदना सिंह द्धारा बताया गया कि मंदिर परिसर के 500 वर्ग फीट क्षेत्रफल में राजस्थान से मंगवाए गए कटप्पा पत्थर लगाए जा रहे हैं। जिसके बाद मंदिर की सुंदरता और निखर जाएगी। आपको बता दें कि बीते दिनों पहले उत्तराखंड के पर्यटन सचीव दिलीप जावलकर “13 District 13 Destination” कार्य योजना का जायजा लेने चोपता तुंगनाथ पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने चोपता को कैंपिंग डेस्टिनेशन के रुप में विकसित किये जाने की बात कही। वहीं प्राचीन तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मंदिर को राष्ट्रीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की निगरानी में निर्माण कार्य करने देने की बात कही थी।

देखिए – उत्तराखंड में पाए जाने वाले पक्षियों की सुंदर तस्वीरें 


अगर आपके पोस्ट  अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे इंस्टाग्रामफेसबुक पेज व  यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

About the author

Deepak Bisht

नमस्कार दोस्तों | मेरा नाम दीपक बिष्ट है। मैं पेशे से एक journalist, script writer, published author और इस वेबसाइट का owner एवं founder हूँ। मेरी किताब "Kedar " amazon पर उपलब्ध है। आप उसे पढ़ सकते हैं। WeGarhwali के इस वेबसाइट के माध्यम से हमारी कोशिश है कि हम आपको उत्तराखंड से जुडी हर छोटी बड़ी जानकारी से रूबरू कराएं। हमारी इस कोशिश में आप भी भागीदार बनिए और हमारी पोस्टों को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर कीजिये। इसके अलावा यदि आप भी उत्तराखंड से जुडी कोई जानकारी युक्त लेख लिखकर हमारे माध्यम से साझा करना चाहते हैं तो आप हमारी ईमेल आईडी wegarhwal@gmail.com पर भेज सकते हैं। हमें बेहद खुशी होगी। मेरे बारे में ज्यादा जानने के लिए आप मेरे सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़ सकते हैं। :) बोली से गढ़वाली मगर दिल से पहाड़ी। जय भारत, जय उत्तराखंड।

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page