उत्तररखण्ड अपने बर्फीले पहाड़ों, संकरी पगडंडियों और प्रकृति की बेशुमार खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहाँ बहुत से ऐसे ट्रेक हैं जहाँ साल भर ट्रैवलर, ट्रेकर आते रहते हैं। यहाँ बहुत से ऐसे ट्रेक हैं जिनके बारे में शायद आप वाकिफ हों, मगर आप उत्तराखंड के गुप्तकाशी में स्तिथ मोठ बुग्याल ट्रेक (Moth Bugyal Trek)के बारे में नहीं जानते होंगे। मोठ बुग्याल ट्रेक उत्तराखंड के अन्य ट्रेक जैसे दायरा बुग्याल ट्रेक के जितना प्रसिद्ध नहीं हैं क्यूंकि लोग अभी भी इस मोठ बुग्याल ट्रेक से अनजान हैं । मोठ बुग्याल ट्रेक (Moth Bugyal Trek) एक अज्ञात (Unexplored) ट्रेक है। इस पोस्ट में आपको मोठ बुग्याल (Moth Bugyal)से सम्बंधित जानकारी और यहाँ की खूबसूरती के बारे में बताया जायेगा।
Table of Contents
मोठ बुग्याल | Moth Bugyal
उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहाँ कई खूबसूरत झीलें, पहाड़ और बुग्याल हैं जो प्रयटकों को अपनी और खींचते हैं। कई फेमस ट्रेक भी हैं जिनकी पगडंडियों पर चलने के लिए भारत के कोने से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहाँ पहुंचते हैं। बस प्रकृति के बीच कुछ पल बिताने और यहाँ की खूबसूरती को समेटने के लिए। मगर बहुत सी अज्ञात (unexplored) जगह ऐसी भी हैं जिन्हे अभी खोजै नहीं गया है या जहाँ पर्यटन बहुत कम है। उसी में एक ट्रेक है मोठ बुग्याल ट्रेक। मोठ बुग्याल को स्थानिय भाषा में मोठ बुग्याल भी कहते हैं।
कहाँ है मोठ बुग्याल ट्रेक? | Where is Moth Bugyal Trek?
मोठ बुग्याल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुप्तकाशी से लगभग 14 किमी दूरी पर स्तिथ है । यह पूरा ट्रेक (आना -जाना ) 35 किमी का है। केदारनाथ के पास त्यूड़ी गांव, गुप्तकाशी से यह पूरा ट्रेक शुरू होता है जहाँ से पैदल सफर करना होता है। त्यूड़ी गांव पहुंचने के लिए आपको गुप्तकाशी आना होगा जहाँ से जाखधार मोटरमार्ग से त्युरी पहुंच कर यह यात्रा शुरू होती है। त्यूड़ी गांव गुप्तकाशी से 15 मिनिट की दुरी पर है। त्यूड़ीगांव में बलभद्र के मंदिर से आगे पहले 6 किमी दूर योग खर्क फिर 2 किमी ढोढर खर्क के बाद मोठ बुग्याल पहुंचते हैं। यह बुग्याल एक सुन्दर वन क्षेत्र है जो प्रकृति की बहुत सी खूबसूरती को समेटे हुए है।
मोठ बुग्याल में देखने की जगहें | Places to see in Moth Bugyal
त्यूड़ी गांव, जहाँ से यह पूरा ट्रेक शुरू होता है। वहाँ बलभद्र जी का मंदिर है। यह मंदिर पूरे उत्तरी भारत में बलभद्र एकलौता मंदिर है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष जन्मआष्ट्मी के अवसर पर भव्य रूप से सजाया जाता है जिसमे इस मंदिर में पूजा अर्चना यज्ञ किया जाता है। मोठ बुग्याल उत्तराखंड के सबसे सुरक्षित ट्रकों में सेएक है । इस ट्रेक का अधिकांश रास्ता घने जगंलो से होकर गुजरता है। जो पूरे ट्रेक का 95% है। यही इस पूरे ट्रेक को और खास बना देता है। इस ट्रेक में प्रकृति के बहुत से खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। यहाँ नौगल, मग बुग्याल, मोठ बुग्याल, कई अन्य अनजान खूबसूरत मैदानी क्षेत्र और अंगरा ताल, नाग ताल पानी के झील आपको देखने को मिलेंगे। ये दोनों ही ताल घने जंगलों के बीच है जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। यह पूरा क्षेत्र केदार वैली के अंतर्गत आता है। इसलिए आपको इस ट्रेक में बहुत से दुर्लभ जीव जैसे मोनाल, कस्तूरी मृग, हिमालयन थार, हिमालयन ग्रिफन आदि देखने को मिलिंगे। इसके आलावा यहाँ कई दुर्लभ जड़ी बूटी कड़वी, अतीस, शंखजड़ी आदि भी पायी जाती है।
मोठ बुग्याल क्यों आए?| Why did come to Moth Bugyal?
मोठ बुग्याल एक अज्ञात (unexplored ) जगह है। यह पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड के अन्य ट्रेक जितना प्रसिद्ध नहीं है मगर इसकी खूबसूरती देखने को ही बनती है अगर आप एक एक्सप्लोरर हैं और नयी नयी जगह सबसे पहले देखना चाहते हैं तो मोठ बुग्याल आपके लिए ही है। इस पूरे ट्रेक में आपको प्रकृति के अत्यंत खूबसूरत विहंगम दृश्य देखने को मिलेंगे साथ ही इस क्षेत्र के स्थानीय संस्कृति और व्यापक जीवन शैली से आप से अच्छा सुखद अनुभव लेके जायेंगे। बुग्याल में लगा टेंट और मखमली घास पर सर रख कर तारों को देखने का अलग ही आनंद है जिसे एक सच्चा ट्रेवलर ही जान सकता है। मोठ बुग्याल से जुड़े इस क्षेत्र में बहुत से छोटे बुग्याल व् झीलें हैं जो आपको स्वर्ग सी अनुभूति देंगे।
इसे भी पढ़े – उत्तराखंड में स्तिथ एक ऐसा ताल जिसके पानी में छुपे कई राज
मोठ बुग्याल आने का सही समय | Best time to visit Moth Bugyal
मोठ बुग्याल आने का सबसे अच्छा समय मई – जून व अगस्त -सितम्बर बीच मन जाता है। बरसात में यह क्षेत्र काफी खूबसूरत लगता है मगर बुग्याल में मौजूद जोंक बरसात में परेशानी का सबब बन जाते हैं। इसके आलावा आप सर्दियों में भी इस मोठ बुग्याल के ट्रेक पर आ सकते हैं सर्दियों में यह पूरा सफेद चादर ओढ़ लेता है जो देखने में काफी खूबसूरत लगता है।
कैसे पहुंचे मोठ बुग्याल ? | How to reach Moth Bugyal?
- देहरादून-गुप्तकाशी (227 km)
- ऋषिकेश-गुप्तकाशी (184 km)
- हरिद्वार-गुप्तकाशी (204 km)
- गुप्तकाशी- त्यूड़ी गांव (4.7 km )
मोठ बुग्याल आने के लिए आपको रेल मार्ग से ऋषिकेश / हरिद्वार या हवाई मार्ग से जोलीग्रांट, देहरादून उतरना होगा। वहां से आपको रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में आना होगा उसके बाद आपको गुप्तकाशी के जाखधार मोटर मार्ग से त्यूड़ीगांव पहुंचना होगा जहाँ से मोठ बुग्याल लिए ट्रेक शुरू हो जायेगा।
- नोट – अगर आप मोठ बुग्याल (Moth Bugyal Trek) आने की सोच रहे या इससे सबंधित जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपको मोठ बुग्याल की यात्रा करने वाले लोकल गाइड से सम्पर्क कराया जायेगा।
अगर आपको मोठ बुग्याल (Moth Bugyal) से सम्बंधित यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करे साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
Very nice..
Really beauty naucher In motbugyal…
.